गठबंधन में सत्ता के बंटवारे को लेकर जारी गतिरोध के बीच रविवार को महाराष्ट्र के निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में जल्द ही सरकार का गठन होगा। जबकि शिवसेना ने आरोप लगाया कि राज्य में सरकार के लिए विधायकों का समर्थन जुटाने में सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल हो रहा है।
अकोला/मुंबई. विधानसभा का चुनाव हो गया, नतीजे आ गए और नतीजों में गठबंधन को बहुमत भी हासिल हो गया। मगर अब तक ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद और मंत्रिपद के बंटवारे पर सहमति न हो पाने की वजह से बीजेपी-शिवसेना के बीच नई सरकार के गठन को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया है। सरकार बनने और न बनने को लेकर अलग-अलग खबरें आ रही हैं, गठबंधन के दोनों दलों का झगड़ा भी नजर आ रहा है। गठबंधन में सत्ता के बंटवारे को लेकर जारी गतिरोध के बीच रविवार को महाराष्ट्र के निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में जल्द ही सरकार का गठन होगा। लेकिन कैसे होगा उन्होंने यह जानकारी नहीं दी। उधर, रविवार को ही उनके सहयोगी शिवसेना ने आरोप लगाया कि राज्य में सरकार के लिए विधायकों का समर्थन जुटाने में सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल हो रहा है। बताते चलें कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल अगले हफ्ते नौ नवंबर को समाप्त हो रहा है।
फडणवीस ने क्या कहा?
सरकार बनाने को लेकर जारी गतिरोध को लेकर पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने मीडिया से कहा, ‘‘यह जल्दी समाप्त होगा और तुरंत एक नई सरकार का गठन किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निवर्तमान सरकार के पास निर्णय करने का सीमित अधिकार होता है । लेकिन हमारी (निवर्तमान) सरकार किसानों को राहत सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। मुझे उम्मीद है कि सरकार का गठन जल्द ही होगा।’’ बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान के कारण किसानों को तत्काल राहत देने के लिए राज्य सरकार ने शनिवार को दस हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की।
शिवसेना ने क्या कहा?
उधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि समर्थन करने के लिए नव-निर्वाचित विधायकों को मजबूर करने की खातिर आपराधिक तत्वों और सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा है। राउत ने यह भी कहा कि दोनों पार्टियों (भाजपा और शिवसेना) के बीच बातचीत सिर्फ मुख्यमंत्री पद के लिए होगी और अगर ऐसा नहीं होता तो ‘‘हमारे पास शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा।’’उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी को 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन मिलेगा।
अमित शाह की चुप्पी रहस्यमय
राउत ने 24 अक्टूबर को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की चुप्पी को ‘‘रहस्यमय’’ करार दिया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह जल्द ही खुलासा करेंगे कि विधायकों को मजबूर करने के लिए किस तरह आपराधिक तत्वों और सरकारी एजेंसियों का साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। शपथग्रहण के लिए बीजेपी ने बुक किया है महालक्ष्मी रेसकोर्स राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘मुझे जानकारी मिली है कि शपथग्रहण के लिए गेस्ट हाउस, वानखेड़े स्टेडियम, महालक्ष्मी रेसकोर्स बुक किया गया है। लेकिन भाजपा ने अभी तक सरकार बनाने का दावा क्यों नहीं किया है?’’राउत ने यह भी कहा, ‘‘यह कोई खेल नहीं है, बल्कि शिवसेना के लिए विश्वास, आत्म-सम्मान और सच्चाई का मामला है।’’
शिवसेना-राकांपा में बात
उधर, शिवसेना और राकांपा में बातचीत होने की खबरें भी सामने आ रही हैं। हालांकि राकांपा नेता ने शिवसेना से उसकी भूमिका के बारे में सवाल किया है। क्या है विधानसभा की पार्टियों की स्थिति? महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के पास सदस्यों की संख्या 161 है जो बहुमत के 145 के आंकड़े से ज्यादा हैं। भाजपा और शिवसेना को नतीजों के बाद अलग-अलग निर्दलीय विधायकों से समर्थन भए एहासिल हुआ है। नतीजों में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, कांग्रेस को 44, एनसीपी को 54, बहुजन विकास आघाडी को 3, एआईएमआईएम, प्रहार जनशक्ति पार्टी, समाजवादी पार्टी को 2-2, निर्दलीय को 13, स्वाभिमनाइ पक्ष, राष्ट्रीय समाज पक्ष, वर्कर पार्टी ऑफ इंडिया, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी, जन सुराज्य पार्टी, और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) को एक एक सीटें मिली हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)