
मुंबई। डिलीवरी ऑपरेशन के दौरान तीन डॉक्टरों ने अपनी साथी डॉक्टर को काम न आने की उलाहना देकर भगा दिया। नतीजा उसने शर्मिंदगी में सुसाइड कर ली। घटना 22 मई को हुई थी। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। घटनावाले दिन मृतका को जातिगत अपशब्द भी बोले गए। नायर हॉस्पिटल की डॉ. पायल ताडवी सुसाइड मामले में एक नया मामला सामने आया है। क्राइम ब्रांच के सामने गवाहों ने घटना के पीछे की कहानी बताई। गवाहों ने बताया कि डिलीवरी ऑपरेशन के दौरान तीन आरोपी डॉक्टरों ने पायल को कैसे मानसिक प्रताड़ित किया था। डॉ. ऑपरेशन थियेटर से पायल को बेइज्जत करके निकाल दिया था।
क्राइम ब्रांच के सामने तीन वॉर्ड बॉयज और दो नर्सों ने गवाही दी। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, 'गवाहों ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर में एक डिलिवरी के दौरान तीनों आरोपी डॉक्टर ताडवी के ऊपर काफी चिल्लाई थीं। ताडवी को रोते हुए बाहर निकलते और हॉस्टल रूम में जाते देखा गया था। इसके बाद वह अपने कमरे से बाहर नहीं निकलीं।'
ऐसा था घटनाक्रम...
कॉल डीटेल से पता चलता है कि ताडवी करीब 4 बजे अपने रूम पहुंची थीं। 4:30 बजे एक आरोपी डॉ हेमा आहूजा ने उनसे दो मिनट तक बात की। हालांकि आहूजा ने तर्क दिया था कि उन्होंने सिर्फ काम के सिलसिले में कॉल किया था। पुलिस का मानना है कि फोन पर आहूजा ने ऐसा कुछ कहा होगा, जिससे ताडवी ने सुसाइड कर ली।
आहूजा के अलावा डॉ भक्ति मेहारे और डॉ अंकिता खंडेलवाल को ताडवी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ताडवी के फोन से सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस का कहना है कि दो आरोपियों ने ताडवी का शव उनके कमरे से निकाले जाने के बाद सुसाइड नोट गायब कर दिया।
इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि सुसाइड से एक दिन पहले ताडवी दोस्तों के साथ मोहम्मद अली रोड गई थीं। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड की गईं। इन तस्वीरों पर आरोपी डॉक्टरों ने कमेंट किया कि दांत दिखाने की जगह लोगों को काम करना चाहिए। ताडवी ने इस बारे में अपनी मां को बताया था।
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