
मुंबई। शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) के घर पर ईडी (Enforcement Directorate) की टीम रविवार सुबह पहुंची। ईडी के अधिकारी संजय राउत से पूछताछ कर रहे हैं। ईडी के 12 अधिकारी संजय राउत के घर पहुंचे थे। अधिकारियों ने संजय राउत के घर की तलाशी ली। इस बीच ऐसी खबर आ रही है कि संजय राउत ने पूछताछ में ईडी का सहयोग नहीं किया है। उन्होंने ईडी के साथ जाने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने 7 अगस्त तक पूछताछ में शामिल होने से इनकार किया है।
ईडी ने पूछताछ के लिए संजय राउत को समन भेजा था, लेकिन वह सहयोग नहीं कर रहे थे। ईडी पात्रा चॉल जमीन घोटाला केस (Patra Chawl land scam case) में संजय राउत की भूमिका की जांच कर रही है। ईडी ने राउत को पहले 20 जुलाई और 27 जुलाई को तलब किया था। राउत पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे। उन्होंने अपने वकीलों के माध्यम से सूचित किया था कि चल रहे संसद सत्र के कारण वह 7 अगस्त के बाद ही पेश हो सकते हैं।
उन्होंने 1 जुलाई को एक बार अपना बयान दर्ज कराया था। ईडी ने इस केस में दादर और अलीबाग में स्थित राउत की संपत्ति कुर्क की थी। जांच एजेंसी संजय राउत से प्रवीण राउत और पाटकर के साथ उनके "व्यापार और अन्य संबंधों" के बारे में और उनकी पत्नी से जुड़े संपत्ति सौदों के बारे में जानना चाहती है। प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। प्रवीण की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने कहा था कि वह "एक राजनीतिक व्यक्ति के लिए फ्रंट मैन के रूप में काम कर रहा है"।
संजय राउत बोले- शिवसेना के लिए लड़ता रहूंगा
घर पर ईडी के अधिकारियों के पहुंचने के बाद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, "मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। यह मैं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शपथ लेकर कह रहा हूं। बालासाहेब ने हमें लड़ना सिखाया है। मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा। मेरे खिलाफ झूठी कार्रवाई हो रही है, झूठे सबूत पेश किए जा रहे हैं। मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा। मैं मर भी जाऊं तो भी समर्पण नहीं करूंगा। महाराष्ट्र और शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी।"
नारेबाजी कर रहे हैं समर्थक
संजय राउत के घर पर ईडी के अधिकारियों के आने की खबर सुनकर बड़ी संख्या में उनके समर्थक पहुंच गए हैं। समर्थक ईडी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। संजय राउत के एक समर्थक ने कहा कि बीजेपी राजनीतिक बदला लेने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रही है। हमारे नेता भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, इसके चलते उन्हें परेशान किया जा रहा है। हमलोग ईडी को संजय राउत को यहां से नहीं ले जाने देंगे।
1034 करोड़ रुपए का है घोटाला
गौरतलब है कि पात्रा चॉल जमीन घोटाला 1,034 करोड़ रुपए का है। मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के री डेवलपमेंट के नाम पर घोटाला किया गया था। ईडी ने बताया था कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पात्रा 'चॉल'के री डेवलपमेंट में शामिल था। गुरु आशीष हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सहायक कंपनी है। 47 एकड़ में फैले महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) में 672 किरायेदार रह रहे थे।
गुरु आशीष ने चॉल को फिर से विकसित करने के लिए किरायेदारों और म्हाडा के साथ ट्री पार्टीज एग्रीमेंट किया था। इसके तहत डेवलपर को 672 किरायेदारों को फ्लैट देना था और म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करना था। इसके बाद बचे एरिया को डेवलपर बेच सकता था। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशकों ने म्हाडा को गुमराह किया और नौ डेवलपर्स को एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) बेच दिया। 672 विस्थापित किरायेदारों और म्हाडा हिस्से के लिए निर्माण किए बिना लगभग 901.79 करोड़ रुपए जुटा लिए। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों द्वारा अवैध गतिविधियों के माध्यम से करीब 1,039.79 करोड़ रुपए जुटाए। बाद में इस ब्लैक मनी का एक हिस्सा करीबी सहयोगियों को ट्रांसफर कर दिया।
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ईडी की जांच में पाया गया कि एचडीआईएल से प्रवीण राउत के खाते में करीब 100 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इस राशि को प्रवीण राउत ने अपने करीबी सहयोगियों, परिवार के सदस्य, उनकी व्यावसायिक संस्थाओं आदि के विभिन्न खातों में डायवर्ट किया। 2010 के दौरान, 83 लाख रुपए वर्षा राउत (संजय राउत की पत्नी) को डायरेक्ट/इनडायरेक्टली प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी प्रवीण राउत से प्राप्त हुआ था। इस पैसे से वर्षा राउत ने दादर पूर्व में फ्लैट खरीदा।
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