गढ़चिरौली में C60 कमांडोज ने लिया बदला, मुठभेड़ में 5 नक्सलियों को किया ढेर

3 मई 2019 को घात लगाकार बैठे 100 से ज्यादा नक्सलियों ने एक ऐसा ही हमला किया था। गढ़चिरौली में हुए आईईडी ब्लास्ट में 15 QRT जवान शहीद हो गए थे। इस दुर्दांत हमले के पीछे उत्‍तरी गढ़चिरोली के सीपीआई (माओवादी) का कमांडर भास्‍कर हमले का मास्‍टर माइंड बताया गया था।

Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2021 10:26 AM IST

महाराष्ट्र।  नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले के खोब्रा मेढ़ा जंगल में C-60 कमांडो टीम की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। इस दौरान जवानों ने पांच नक्सलियों को मार गिराया। मारे गए नक्सलियों में दो महिला और तीन पुरुष नक्सली शामिल है। मुठभेड़ के बाद जवानों ने जंगल से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किया है।

तीन दिन से चल रही थी मुठभेड़
पिछले तीन दिनों से जवानों और नक्सलियों के बीच रह-रहकर मुठभेड़ हो रही है। बीती देर रात पेट्रोलिंग के लिए कुर खेड़ा तालुका के खोब्रा मेढ़ा के जंगल में नक्सलियों ने अचानक से पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला कर दिया, जिसके बाद क्रॉस फायरिंग हुई। इसी दौरान जवानों ने पांच नक्सलियों को मार गिराया। गढ़चिरौली के SP का कहना है कि अभी फायरिंग रुकी हुई है। सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

2019 में नक्सली हमले में 15 जवान शहीद हुए थे
3 मई 2019 को घात लगाकार बैठे 100 से ज्यादा नक्सलियों ने एक ऐसा ही हमला किया था। गढ़चिरौली में हुए आईईडी ब्लास्ट में 15 QRT जवान शहीद हो गए थे। इस दुर्दांत हमले के पीछे उत्‍तरी गढ़चिरोली के सीपीआई (माओवादी) का कमांडर भास्‍कर हमले का मास्‍टर माइंड बताया गया था।

कौन हैं C-60 एंटी नक्सल कमांडो
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थी।  इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन SP केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को C-60 की स्थापना की। उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग।

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