
(FILE PHOTO: बाबा आमटे के साथ डॉ. शीतल)
मुंबई. देश के प्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय बाबा आमटे की पोती डॉ. शीतल आमटे ने सोमवार सुबह चंद्रपुर स्थित अपने घर पर सुसाइड कर लिया। उन्होंने स्वयं को जहर का इंजेक्शन दिया। ऐसा होने क्यों किया, अभी सामने नहीं आ पाया है। वे कुष्ठ रोगियों के लिए संचालित 'आनंदवन' नाम की संस्था चला रही थीं। डॉ. शीतल महारोगी सेवा समिति की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संचालिका थी। वे पिछले कई सालों से अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर आनंवन संस्था चला रही थीं। वे विकास आमटे और भारती आमटे की बेटी थीं।
संस्था में घोटाला उठाया था
बता दें कि पिछले 72 साल से बाबा आमटे का परिवार चंद्रपुर जिले के वरोरा तहसील के आनंदवन में कुष्ठ रोगियों की सेवा करता आ रहा है। कुछ दिन पहले डॉ. शीतल ने आनंदवन के अंदर चल रहीं आर्थिक गड़बड़ियों को लेकर फेसबुक के लाइव डिस्कशन में कुछ बातें कही थीं। बताते हैं कि इसके बाद खासा विवाद खड़ा हो गया था। इससे डॉ. शीतल को यह वीडियो डिलीट करना पड़ा था। उनका परिवार भी शीतल से नाराज हुआ था। मरने से पहले डॉ. शीतल ने सोशल मीडिया पर एक पेंटिंग शेयर की। इसे शीर्षक नाम दिया-वॉर एंड पीस।
डॉ. शीतल बाबा आमटे की विरासत को बखूबी आगे ले जा रही थीं। उनकी पहचान हमेशा मुस्कराते रहने वाली महिलाओं में होती थी।
डॉ. शीतल आमटे प्रकृति प्रेमी थीं। वे हर परिस्थिति का सामना मुस्कराकर करती थीं। ऐसे में उनकी सुसाइड चौंकाती है।
डॉ. आमटे सोशल साइट पर हमेशा हंसते-खिलखिलाते फोटो शेयर करती थीं। हमेशा ऊर्जा से भरे फोटोज।
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