महाराष्ट्र में कैसे आया सियासी भूचाल, अब क्या होगा उद्धव सरकार का, जानिए ऐसे ही सवालों के जवाब

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार की कुर्सी डगमगाती दिख रही है। शिवसेना के नेता और राज्य में मंत्री रहे एकनाथ शिंदे करीब 25 विधायकों के साथ सूरत के एक होटल पहुंच गए हैं। शिंदे शिवसेना और उसकी गठबंधन वाली सरकार से न सिर्फ नाराज हैं, बल्कि वो उद्धव ठाकरे का फोन भी नहीं उठा रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 21, 2022 7:45 AM IST / Updated: Jun 21 2022, 01:16 PM IST

Maharashtra Government Crisis: महाराष्ट्र में उद्धव सरकार की कुर्सी डगमगाती नजर आ रही है। दरअसल, शिवसेना के नेता और राज्य में मंत्री रहे एकनाथ शिंदे 25 विधायकों के साथ सूरत के एक होटल पहुंच गए हैं। कहा जा रहा है कि शिंदे शिवसेना और उसकी गठबंधन वाली सरकार से नाराज हैं। यही वजह है कि विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना के कुछ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग भी की थी। विधान परिषद की 10 सीटों में से भाजपा को 5, एनसीपी और शिवसेना को 2-2 जबकि एक सीट कांग्रेस ने जीती। ऐसे में अब हर किसी के मन में सवाल उठ रहे हैं कि भविष्य में महाविकास अघाड़ी (शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस का गठबंधन) सरकार का क्या होगा?

सवाल 1 : महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में आखिर क्या खेल हुआ?
जवाब : महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में शिवसेना और निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला। विधायकों ने क्रॉस वोटिंग तो कर दी, लेकिन उन्हें कहीं न कहीं ये डर था कि अब उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना और निर्दलीय विधायक सूरत के ली मेरिडियन होटल पहुंच गए। 

सवाल 2 : क्या उद्धव सरकार खुद को बचा पाएगी?
जवाब : एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद ऐसा अंदाज लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में आ सकती है। कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के समर्थन में 25-30 विधायक हैं। अगर वो पार्टी से अलग होते हैं तो महाराष्ट्र में सियासी समीकरण बदल सकता है। कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ठाकरे और महाविकास अघाड़ी सरकार से बेहद नाराज हैं। यहां तक कि वो उद्धव ठाकरे का फोन तक रिसीव नहीं कर रहे हैं। 

सवाल 3 : क्या महाराष्ट्र में पलट सकता है सियासी समीकरण?
जवाब : महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटे हैं। इनमें से बीजेपी के पास सबसे ज्यादा 106 सीट हैं। वहीं शिवसेना (55), एनसीपी (52) और कांग्रेस (44) के समर्थन से महाविकास अघाड़ी सरकार बनी है। बहुमत के लिए कम से कम 145 सीटें जरूरी हैं। अगर 25-30 विधायक शिवसेना से अलग होकर बीजेपी का समर्थन करते हैं और कुछ निर्दलीय विधायक भी सपोर्ट में आते हैं तो उद्धव सरकार खतरे में पड़ सकती है। 

सवाल 4 : आखिर कौन-कौन से विधायकों ने की बगावत?
जवाब : एकनाथ शिंदे, अब्दुल सत्तार, शंभूराज देसाई, संदीपन भुमरे, उदय राजपूत, भरत गोगावल, नितिन देशमुख, अनिल बाबर, विश्वनाथ भोईर, संजय गायकवाड़, संजय रामुलकर, महेश श‍िंदे, शाहजी पाटिल, प्रकाश अबितकर, संजय राठौड, ज्ञानराज चौगुले, तानाजी सावंत, संजय शिरसत, रमेश बोरनारे, बैजापुर, राजकुमार दयाराम पटेल, संतराम मोरे, किशोर पाटिल। इनके अलावा 3 निर्दलीय विधायक भी हैं। 

सवाल 5 : महाविकास अघाड़ी सरकार के सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी में क्या?
जवाब : शिवसेना के विधायकों की बगावत के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार के बाकी दो सहयोगियों कांग्रेस और एनसीपी में भी हलचल तेज हो गई है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली स्थित अपने निवास पर बैठक बुलवाई है, जिसके लिए पार्टी नेता अजित पवार और जयंत पाटिल दिल्ली पहुंच गए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने भी अपने विधायकों को दिल्ली तलब किया है। इन सबके बीच गृह मंत्री अमित शाह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने उनके घर पहुंचे हैं। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।

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