महाराष्ट्र के व्यापारियों ने तोड़ा अर्पिता मुखर्जी का रिकॉर्ड, IT छापे में मिला 58 करोड़ कैश-32 KG गोल्ड

आयकर ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के जालना में स्टील, कपड़ा व्यापारी और रियल एस्टेट डेवलपर के यहां छापे मारकर 390 करोड़ की बेनामी सम्पत्ति का खुलासा किया है। इन व्यापारियों के यहां इतना कैश मिला, जितना अर्पिता मुखर्जी के यहां भी नहीं मिला था।

Amitabh Budholiya | Published : Aug 11, 2022 4:20 AM IST / Updated: Aug 11 2022, 10:27 AM IST

औरंगाबाद. आयकर विभाग की छापेमारी में महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के जालना में कुछ बिजनेसमैन के यहां अकूत सम्पत्ति मिली है। आयकर विभाग ने जालना में एक स्टील, कपड़ा व्यापारी और रियल एस्टेट डेवलपर के के अलावा कुछ अन्य के परिसरों में 1-8 अगस्त तक छापेमारी की थी। इनके पास से लगभग 390 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की गई है। अकेले एक के पास से 100 करोड़ की बेनामी सम्पत्ति मिली है। जब्त सम्पत्ति में 56 करोड़ रुपए कैश, 32 किलो सोना, मोती-हीरे और कई संपत्तियों के कागजात शामिल हैं। 

अर्पिता मुखर्जी का भी रिकॉर्ड तोड़ा
जब्त कैश को गिनने 13 घंटे लगे। इसका खुलासा अब हुआ है। आयकर विभाग ने औरंगाबाद में एक बिल्डर और जालना में स्टील उत्पादन करने वाली कंपनियों  SRJ Peety Steels Pvt. Ltd. और Kalika Steel Alloys Pvt. Ltd  पर यह छापा मारा था। हालांकि कहा जा रहा है कि स्टील कंपनी के यहां से 390 करोड़ का अनअकाउंडेट कैश और प्रॉपर्टी के डीटेल्स मिले हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने पिछले दिनों शिक्षक भर्ती घोटाले में चल रही जांच के सिलसिले में बर्खास्त मंत्री पार्थ चटर्जी की करीब अर्पिता मुखर्जी के यहां छापे मारे थे। इसके यहां से 50 करोड़ रुपए कैश मिले थे।

10 से 12 कारोबारियों के यहां मारा था छापा
आयकर विभाग ने जालना में दो बड़ी स्टील कंपनियों और उन कंपनियों से जुड़े कारोबारियों के अलावा शहर व जिले के कुछ अन्य जैसे विमलराज सिंघवी समेत 10 से 12 कारोबारियों के यहां छापेमारी की थी। छापेमारी में दो दर्जन से अधिक कमिश्नर स्तर के अधिकारी शामिल थे। करीब 480 लोगों की टीम ने जालना में डेरा डाला और तीन दिनों तक इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। 

बुधवार की सुबह (3 अगस्त) आयकर विभाग के 100 से अधिक वाहन शादी समारोह के स्टिकर के साथ जालना कस्बे पहुंचे थे। इन कारों पर 'राहुल और अंजलि' के स्टिकर चिपके हुए थे। ट्रेनों से 480 अधिकारी-कर्मचारी लाए गए थे। टीम में मुंबई, पुणे, नासिक और औरंगाबाद के अधिकारी शामिल रहे। ये लोग एमआईडीसी में कारखानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और अपने आवासों पर पहुंचे।

जिन व्यापारियों के यहां छापे मारे गए वे इस्पात उद्योग, लोहे की छड़ों के क्रय-विक्रय से जुड़े हैं। पिछले साल भी शहर में तीन कारोबारियों पर छापेमारी की गई थी, लेकिन इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में अधिकारी कभी छापेमारी के लिए नहीं आए थे। बता दें कि जालना में बड़ी संख्या में निजी फाइनेंसर हैं। इसमें उद्योगपति विमलराज सिंघवी की बड़ी हिस्सेदारी है।

मध्य प्रदेश में माइनिंग, शराब समूह पर छापे के बाद आयकर विभाग ने 9 करोड़ रुपये से अधिक की 'काली' संपत्ति जब्त की
आयकर विभाग ने हाल ही में मध्य प्रदेश के एक शराब निर्माता और खनन बिजनेस ग्रुप पर छापेमारी के बाद 9 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति जब्त की है। सीबीडीटी ने बुधवार को यह जानकारी दी थी। छापेमारी 14 जुलाई को राज्य में और मुंबई में स्थित समूह के कुछ परिसरों में शुरू की गई थी। सीबीडीटी के बयान में कहा गया है कि समूह कर चोरी में लिप्त है। IT डिपार्टमेंट ने बिजनेसमैन के नाम का खुलासा नहीं किया है, लेकिन पता चला कि वो किसी पॉलिटिकल पार्टी का नेता है। 

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