महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को घर वापसी का सपना दिखाया गया था। आज उनकी हत्याएं हो रही हैं। महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों का समर्थन करेगा और उनके लिए जो भी करना होगा करेगा।
मुंबई। जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ टारगेट किलिंग (Target Killing in Jammu and Kashmir) की घटनाओं में वृद्धि हुई है। 1 मई से अब तक घाटी में आतंकवादियों द्वारा टारगेट किलिंग में कम से कम आठ नागरिक मारे गए हैं। मारे जाने के डर से कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो गया है। वहीं, इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा है कि कश्मीरी पंडितों को घर वापसी का सपना दिखाकर कश्मीर भेजा गया था, लेकिन आज उन्हें चुन-चुनकर मारा जा रहा है। जान बचाने के लिए उन्हें फिर से घर छोड़कर भागना पड़ रहा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों का समर्थन करेगा और उनके लिए जो भी करना होगा करेगा। उन्होंने कहा कि हम उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ेंगे। महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों का समर्थन करेगा। हम हर संभव मदद करेंगे।
घाटी छोड़ रहे हैं कश्मीरी पंडित
उद्धव ठाकरे ने कहा कि टारगेट किलिंग के कारण कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ रहे हैं। उन्हें घर वापसी का सपना दिखाया गया था, लेकिन अब उन्हें मारा जा रहा है। 1995 में बाल ठाकरे और तत्कालीन राज्य सरकार ने कश्मीरी पंडितों को शिक्षा में आरक्षण दिया। हम कश्मीरी पंडितों के नेताओं के संपर्क में हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में मैं उनकी मदद करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगा।
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बता दें कि कश्मीरी पंडित समुदाय और प्रवासी कामगारों को निशाना बनाकर किए जा रहे हमलों के मद्देनजर शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। 2012 में प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत नियुक्त किए गए हजारों कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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