Maharashtra Political Crisis एकनाथ शिंदे खेमे के भीतर भी मतभेद उभर कर सामने आने लगा है। शिंदे ने शुक्रवार की रात में वडोदरा में अमित शाह और फडणवीस से मुलाकात की और सरकार बनाने की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया। शाह से मुलाकात के बाद शिंदे ने अपने गुट के भाजपा में विलय को लेकर बागी विधायकों से चर्चा की है।
मुंबई। महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। रोज कोई न कोई ट्विस्ट देखने को मिल रहा है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ कई दिनों से गुवाहाटी में डेरा डाले 40 से अधिक विधायकों में 20 के करीब विधायक वापस लौटना चाहते हैं। ये विधायक, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संपर्क में आ चुके हैं। जल्द इनको मुंबई लाया जा सकता है। दरअसल, शिंदे अपने विधायकों के साथ अलग गुट बनाकर उसका बीजेपी में विलय की प्लानिंग कर रहे हैं। जबकि कई बागी विधायक इसके खिलाफ हैं।
बागी मंत्रियों को हटाया जाएगा
शिवसेना, एकनाथ शिंदे और अन्य बागी मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है। सूत्रों की मानें तो कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे को विभागों से हाथ धोना पड़ सकता है। अब्दुल सत्तार और शंबुराजे देसाई - दोनों राज्य मंत्री - को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
आदित्य की बागियों को चुनौती-इस्तीफा देकर चुनाव लड़ लीजिए
अल्पमत में होने के बावजूद, टीम ठाकरे ने शिंदे के इस दावे को खारिज कर दिया है कि वह पार्टी के चुनाव चिन्ह के लिए दावा पेश करेंगे। बागियों को खुली चुनौती देते हुए, आदित्य ठाकरे ने उनसे चुनाव लड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अगर आप में हिम्मत है तो शिवसेना को छोड़िए और चुनाव लड़ लीजिए। अगर आपको लगता है कि हमने जो किया है वह गलत है, उद्धव (ठाकरे) जी का नेतृत्व गलत है और हम सभी गलत हैं, तो इस्तीफा दें और चुनाव का सामना करें। हम तैयार हैं।
शिंदे गुट में मतभेद...बागी विधायक नहीं चाहते विलय
एकनाथ शिंदे खेमे के भीतर भी मतभेद उभर कर सामने आने लगा है। शिंदे ने शुक्रवार की रात में वडोदरा में अमित शाह और फडणवीस से मुलाकात की और सरकार बनाने की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया। शाह से मुलाकात के बाद शिंदे ने अपने गुट के भाजपा में विलय को लेकर बागी विधायकों से चर्चा की है। लेकिन बागियों में शामिल कई विधायक यह नहीं चाहते हैं कि उनके गुट का विलय बीजेपी में हो। शिंदे के पास प्रहार जनशक्ति पार्टी के साथ विलय का विकल्प भी है, जिसके प्रमुख, महाराष्ट्र के मंत्री बच्चू कडू, पहले से ही गुवाहाटी में विद्रोहियों के साथ डेरा डाले हुए हैं।
केंद्र ने 15 विधायकों की सुरक्षा बढ़ाई
केंद्र सरकार ने बागी विधायकों में शामिल 15 विधायकों की सुरक्षा बढ़ा दी है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने भाजपा शासित असम में डेरा डाले हुए विद्रोहियों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आप गुवाहाटी में कब तक छिपे रहेंगे।
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कई प्रस्ताव पास
शिवसेना ने शनिवार को उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में छह प्रस्ताव पारित किए। सेना भवन में बैठक में ठाकरे को विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया था। उनके पक्ष ने चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में विद्रोहियों द्वारा खुद को शिवसेना बालासाहेब ठाकरे कहने के एक कदम को भी चुनौती दी है।
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच शिवसेना के नियंत्रण के लिए चल रही लड़ाई शनिवार को महाराष्ट्र की सड़कों पर पहुंच गई, जिसमें ठाकरे के प्रति वफादार कार्यकर्ताओं ने विद्रोहियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, उनके बैनरों को फाड़ दिया, पत्थर फेंके और कार्यालय में तोड़फोड़ की।
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