देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाते हुए कहा था कि नवाब मलिक ने 1993 बम धमाकों के दो आरोपियों से कुर्ला इलाके में तकरीबन तीन एकड़ जमीन खरीदा। यह जमीन कौड़ियों के दाम पर नवाब मलिक की ओर से खरीदी गई थी। उस समय इन दोनों आरोपियों पर टाडा के तहत मुकदमा चल रहा था और टाडा के आरोपियों के जमीन को सरकार अपने कब्जे में लेती है, ऐसा कानून उस समय था।
मुंबई : नवंबर, 2021 की बात है, उस वक्त आर्यन खान ड्रग्स केस और समीर वानखेड़े पर तल्ख बयानबाजी को लेकर नवाब मलिक (Nawab Malik) चर्चाओं में थे। इसी बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड से रिश्ते का सनसनीखेज दावा किया। दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के गैंग से जमीनें खरीदने का गंभीर आरोप लगाया था। फडणवीस के अनुसार नवाब मलिक ने जो जमीनें खरीदीं हैं वे मुंबई ब्लास्ट के आरोपियों की हैं। फडणवीस ने यह भी आरोप लगाया कि सरदार शाह वली खान और हसीना पारकर के करीबी सलीम पटेल के नवाब मलिक के साथ व्यवसायिक संबंध हैं। कहा जाता है कि इस आरोप के बाद से ही मलिक ED के निशाने पर आ गए थे।
फडणवीस के सनसनीखेज आरोप
देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाते हुए कहा था कि नवाब मलिक ने 1993 बम धमाकों के दो आरोपियों से कुर्ला इलाके में तकरीबन तीन एकड़ जमीन खरीदा। यह जमीन कौड़ियों के दाम पर नवाब मलिक की ओर से खरीदी गई थी। उस समय इन दोनों आरोपियों पर टाडा के तहत मुकदमा चल रहा था और टाडा के आरोपियों के जमीन को सरकार अपने कब्जे में लेती है, ऐसा कानून उस समय था। लिहाजा सवाल यह भी उठता है कि क्या नवाब मलिक ने इस जमीन को सरकारी कब्जे में जाने से बचाने के लिए खरीदा था? फडणवीस से नवाब मलिक से सवाल पूछते हुए कहा था कि क्या नवाब मलिक को यह नहीं पता था कि सलीम पटेल कौन है? आखिर उन्होंने मुंबई में बम धमाकों को अंजाम देने वाले आरोपियों से जमीन क्यों खरीदी?
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NIA को मिले इनपुट और जुड़ने लगी कड़ियां
कुछ समय पहले NIA को ऐसे इनपुट मिले थे दाऊद इब्राहिम एक बार फिर पूरे देश में दंगे भड़काने और आतंकी हमलों की साजिश रच रहा है। NIA ने खुलासा करते हुए कहा है कि दाऊद ने भारत को दहलाने के लिए स्पेशल यूनिट बनाई है। जो FIR दर्ज हुई, उसके मुताबिक इस स्पेशल यूनिट के निशाने पर भारत की नामचीन हस्तियां, पॉलिटिकल लीडर, बड़े बिजनेसमैन समेत कई जाने-माने नाम हैं। इस इनपुट के बाद ही पिछले हफ्ते मुंबई के कई ठिकानों पर छापे मारे गए। दाऊद की बहन हसीना पारकर के निवास पर रेड पड़ी। इस कार्रवाई के बाद दाऊद के भाई इकबाल कासकर को कस्टडी में लिया गया और हसीना के बेटे से भी सवाल-जवाब हुए।
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ED की एंट्री और मलिक तक पहुंची आंच
जब तक इस मामले में आतंकवाद के तार जुड़े रहे तब तक NIA एक्टिव थी लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, दाऊद के हवाला कारोबार को लेकर कई तरह के इनपुट सामने आए तो केस में ED की भी एंट्री हो गई। इसके बाद सबसे पहले इकबार कासकर पर शिकंजा कसा गया। कासकर 2003 के बाद से ही मुंबई में ठिकाना बनाकर छिपा हुआ था। आरोप में कहा गया कि वो दाऊद के अवैध धंधें को मुंबई में धड़ल्ले से चला रहा था। उस पर वसूली के भी कई केस दर्ज थे। उससे पूछताछ जारी है। इसी बीच नवाब मलिक से पूछताछ हुई और उनकी गिरफ्तारी भी हुई क्योंकि आरोप लगे थे कि उनके संबंद सलीम पटेल से हैं। वही सलीम पटेल जो सरदार शाहवली खान और दाऊद की बहन हसीना पारकर का बॉडीगार्ड था। जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।
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