बहादुर नारी शक्ति को सलाम: इस महिला ने एक-दो नहीं..24 लोगों को मरने से बचाया, नहीं तो अगले पल खाई में गिरती बस

जिंदादिली और बहादुरी दिखाने वाली इस महिला का नाम योगिता धर्मेंद्र सातव है और वह पुणे में रहती है। बता दें कि योगिता ना सिर्फ बस में सफर करने वाले लोगों की जिंदगी बचाई, बल्कि ड्राइवर को अस्पातल भी पहुंचाया। जिससे समय रहते हुए उसका इलाज हो सका और उसकी जान भी बच गई। 

पुणे (महाराष्ट्र). 21वीं शताब्दी वाली इस दुनिया में आज देश की महिलाएं हर कदम पर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलकार कामयाबी हासिल कर रहीं हैं। बस उनको एक मौका मिल जाए तो मुश्किल से मुश्किल घड़ी में आसानी से रास्ता निकाल लेती हैं। कुछ ऐसी ही वीरता की मिसाल पेश करने वाली खबर महाराष्ट्र के पुणे से सामने आई है, जहां एक महिला ने अपनी सूझबूझ और हिम्मत से 24 लोगों की जिंदगी बचा ली। क्योंकि वह जिस बस में सफर कर रही थी, उसके ड्राइवर को अचानक मिर्गी का दौरा पड़ गया और वो गिर पड़ा। बस बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरने वाली तभी पास की सीट पर बैठी एक महिला ने  फुर्ती दिखाते हुए स्टेरिंग संभाल ली और हादसा होने से बस को बचा लिया।

यूं लोगों को मौत के मुंह से बचा लाई महिला
दरअसल, जिंदादिली और बहादुरी दिखाने वाली इस महिला का नाम योगिता धर्मेंद्र सातव है और वह पुणे में रहती है। बता दें कि योगिता ना सिर्फ बस में सफर करने वाले लोगों की जिंदगी बचाई, बल्कि मिर्गी का दौरा पड़ने वाले ड्राइवर  को समय रहते हुए अस्पातल भी पहुंचाया। जिससे समय रहते हुए उसका इलाज हो सका और उसकी जान भी बच गई। महिला ने जिस तरह से यह कारनामा किया है उसको देखते हुए हर कोई तारीफ करते हुए उसे सैल्यूट कर रहा है।

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कभी बस नहीं चलाई, फिर संभाला स्टेरिंग
वहीं यह कमाल करने वाली योगिता का कहना है कि उसने कभी कोई भी बस नहीं चलाई है, लेकिन ड्राइव करना सीखा है। कार सीखते वक्त उसे बस की ट्रेनिंग भी ली हुई थी। महिला ने बताया कि जैसे ही ड्राइवर की आंखें बंद हुईं और बस को खाई में गिरता देख मैंने आनन-फानन में बस का स्टेरिंग संभाल लिया। क्योंकि मैं ऐसा नहीं करती तो शायद सारी सवारी के प्राण संकट में पड़ सकते थे। किसी तरह मैंने उसने 10 किलोमीटर तक बस चला कर इसमें सवार सभी लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। फिर ड्राइवर को भी हॉस्पिटल तक लेकर गई।

आसपास के लोग महिला को घर जाकर कर रहे सम्मानित
बता दें यह पूरी घटना एक सप्ताह पहले 7 जनवरी के दिन की बताई जा रही है। तब पुणे के वाघोली की 23 महिलाओं का ग्रुप मोराची चिंचोली में घूमने के लिए गया था। उन्होंने एक निजी बस को हायर किया हुआ था। इसी दौरान बीच रास्ते में उनके बस ड्राइवर को अचानक मिर्गी का दौरा पड़ा था। लेकिन इस विषम परिस्थिति में जिस तरह से योगिता ने बस की कमान संभालकर ड्राइवर और दूसरी महिलाओं की जान बचाई वह एक बड़ी जिंदादिली है। इसके लिए योगिता आसपाल के लोगों ने उसके घर जाकर सम्मानित किया है।

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