भारत की इस बेटी को सलाम: अमेरिका में कर रही थी डॉक्टरी की पढ़ाई, पिता के कहने पर लौटी गांव...और बन गई सरपंच

महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली 21 साल की यशोधरा शिंदे सरपंच का चुनाव जीत लिया है। वह अमेरिका जाकर जॉर्जिया में मेडिकल का कोर्स कर रही थी, लेकिन अपने गांव के लोगों के विकास के लिए पढ़ाई बीच में छोड़कर लौट आई।

Arvind Raghuwanshi | Published : Dec 22, 2022 1:59 PM IST

पुणे. देश का हर स्टूडेंट चाहता है कि वह आगे चलकर डॉक्टर बने। लेकिन महाराष्ट्र में रहने वाली  21 वर्षीय यशोधरा शिंदे एक ऐसी लड़की है, जिसने अपने गांव के विकास के लिए डॉक्टरी की पढ़ाई को बीच में छोड़ आई। क्योंकि उसकी किस्मत में शायद और कुछ लिखा था। इसलिए तो वह अमेरिका जाकर जॉर्जिया में मेडिकल का कोर्स कर रही थी, लेकिन वह महाराष्ट्र में अपने गांव लौटी और सरपंच का चुनाव लड़ी और जीत भी गई। अब पूरे देशभर में यशोधरा की चर्चा हो रही है। हर कोई इस होनहार लड़के बार में बातें कर रहा है। तो आइए जानते हम उसके बारे में....

जानिए MBBS स्टूडेंट सरपंच का क्या है सपना
दरअसल, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में 7,682 ग्राम पंचायतों के लिए 18 दिसंबर को मतदान हुआ था। जिसके परिणाम मंगलवार को जारी किए गए। इन चुनावों में  21 साल की यशोधरा शिंदे ने सरपंच चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया है। वह सांगली जिले की मिराज तहसील में स्थित अपने गांव वड्डी की सरपंच बन गई है। अपनी जीत के बाद यशोधरा ने मीडिया से बात करते हुए कहा- वह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं। छात्रों के लिए ई-लर्निंग और अन्य शिक्षा उपकरण मुहैया कराना उसका मुख्य उद्देशय है। वहीं युवाओं को रोजगार और किसानों के लिए नई-नई तकनीक से खेती करना सिखाना है।

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पिता के कहने पर अमेरिका से लौटी अपने गांव
बता दें कि यशोधरा शिंदे अमेरिका में जॉर्जिया में न्यू विजन यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कोर्स कर रही है। वर्तमान में वह चौथे साल की मेडिकल पढ़ाई कर रही है। अभी उसका कोर्स का डेढ़ साल पूरा होना बाकी है। लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र में पंचायत चुनावों की घोषणा हो गई। गांव के लोगों और पापा ने उसको फोनकर गांव आने के लिए कहा और कहा कि वह  गांव के विकास के लिए सरपंच का चुनाव लड़े। क्योंकि गांव के लोग चाहते थे कि यशोधरा के परिवार से कोई सरपंच (ग्राम प्रधान) पद के लिए चुनाव लड़े। फिर सभी की सहमति से इस पद के लिए यशोधरा को मैदान में उतारने का फैसला किया तो वह जॉर्जिया से वापस लौट आई।

अब वो अपने गांव से ऑनलाइन करेकी डॉक्टरी पढ़ाई
यशोधरा ने कहा कि वह अब उसके मन में अमेरिका नहीं, बल्कि अपना गांव बस गया है। तभी तो वह यहां के लोगों के विकास के लिए वो अमेरिका से लौट आई। हालांकि अब वो गांव के विकास के साथ-साथ वो अपनी ऑनलाइन पढ़ाई पूरी करेगी। यशोधरा का कहना है कि जब मैं यहां रहकर अपनी पढ़ाई के साथ गांव के लोगों को आगे बढ़ने का काम कर सकती हूं तो फिर क्यों वहां जाऊं। वह गांव के विकास के एजेंडे पर युवाओं के साथ काम करेंगी।
 

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