महाराष्ट्र के एक गांव में पास हुआ CAA-NRC के खिलाफ प्रस्ताव

महाराष्ट्र के बीड जिले के पाथरूड गांव ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2020 8:23 AM IST / Updated: Feb 22 2020, 01:54 PM IST

औरंगाबाद: महाराष्ट्र के बीड जिले के पाथरूड गांव ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। मजलगांव तहसील में पाथरूड की ग्राम पंचायत ने दो फरवरी को हुई बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया।

प्रस्ताव की प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। प्रस्ताव में कहा गया, “सीएए और एनआरसी को लेकर समाज में भ्रम की स्थिति है। यहां रह रहे सभी लोग भारतीय हैं लेकिन उनके पास अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं हैं। इसलिए गांव में सीएए और एनआरसी नहीं लागू किया जा सकता है।”

पाथरूड निवासी एकनाथ मसके ने कहा, “गांव की आबादी करीब 18,000 है। गांव वाले नये नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हैं। इसलिए हमने गांव में इन्हें नहीं लागू करने का फैसला किया और एक प्रस्ताव पारित किया है।”

ग्राम सेवक सुधाकर गायकवाड़ ने कहा, “सीएए और एनआरसी पर सरकार के कदम ने गांव में सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया है। इसलिए, ग्रामीणों ने यह प्रस्ताव पारित किया है।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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