मालेगांव मामला : मुंबई में स्पेशल कोर्ट के सामने हाजिर हुईं BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर

 ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सात लोग मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं । उत्तरी महाराष्ट्र में मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में धमाके से छह लोगों की मौत हो गयी थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे ।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 27, 2020 12:24 PM IST

मुंबई. भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बृहस्पतिवार को एनआईए की विशेष अदालत में पेश हुईं। इस मामले में वे आरोपी हैं।

कोर्ट ने हफ्ते में कम से कम एक बार पेश होने को कहा

एक दिन पहले ही विशेष अदालत के न्यायाधीश वी एस पडालकर ने मामले में सभी आरोपियों को (पिछले साल मई में जारी) उनके आदेश का संज्ञान लेने का निर्देश देते हुए हर हफ्ते कम से कम एक बार उनके सामने पेश होने को कहा । भोपाल की सांसद दोपहर एक बजे अदालत में पेश हुईं। उनकी हाजिरी का संज्ञान लेने के बाद अदालत ने उन्हें जाने की अनुमति दे दी। अदालत के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए ठाकुर ने कहा कि जब भी अदालत उन्हें तलब करेगी, वह हाजिर होंगी ।

मालेगांव ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी

मामले में आखिरी बार वह जून 2019 में अदालत के सामने हाजिर हुई थीं । ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सात लोग मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं । उत्तरी महाराष्ट्र में मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में धमाके से छह लोगों की मौत हो गयी थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे ।

पुलिस के मुताबिक, मोटरसाइकिल ठाकुर के नाम पर पंजीकृत थी और इस कारण से 2008 में उनकी गिरफ्तारी हुई ।

NIA इस मालले में प्रज्ञा को क्लीन चिट दे चुकी है

बंबई उच्च न्यायालय ने 2017 में उन्हें जमानत दे दी । ठाकुर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) क्लीन चिट दे चुकी है लेकिन अदालत ने उन्हें मामले में आरोपमुक्त करने से इनकार कर दिया था । अदालत ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत उनके खिलाफ आरोप हटा दिए लेकिन गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) तथा अन्य संबंधित कानूनों के तहत उनपर मुकदमा चल रहा है ।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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