
मुंबई. महाराष्ट्र में कोरोना को लेकर स्थिति ठीक नहीं है। यहां अब तक 1 लाख 87 हजार संक्रमित सामने आ चुके हैं। इनमें से 8178 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि 1 लाख 1 हजार से ज्यादा ठीक हो चुके हैं। लेकिन यहां संक्रमण को लेकर लापरवाहियां सामने आ रही हैं। मुंबई के बोरीवली के शताब्दी हास्पिटल में एक महिला की कोरोना से मौत के बाद स्टाफ ने उसके बेटे की कोई मदद नहीं की। लिहाजा, बेटे को बिना सुरक्षा किट के अपनी मां का शव खुद प्लास्टिक बैग में रखना पड़ा। मामला तूल पकड़ते ही सरकार के एक्शन में आने पर दो मेडिकल स्टाफ को सस्पेंड कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। इस मामले को सरकार ने बेहद गंभीर माना है।
फोन करके बेटे को बुलाया था..
घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वालीं 50 वर्षीय पल्लवी उटेकर को कोरोना संक्रमण के चलते 30 जून को शताब्दी हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। 2 जुलाई को हास्पिटल के स्टाफ ने उनके बेटे कुनाल को फोन करके बुलाया। लेकिन उन्हें यह नहीं बताया गया कि उनकी मां की मौत हो चुकी है। अस्पताल पहुंचने पर कुनाल को इस बारे में बताया गया। अस्पताल से कहा गया कि वो प्लास्टिक बैग में अपनी मां की बॉडी रखकर ले जाए। कुनाल ने पीपीई किट आदि मांगी, तो स्टाफ से साफ मना कर दिया। कुनाल की किसी ने मदद तक नहीं की। मामला तूल पकड़ने पर अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रमोद नागरकर ने दो जिम्मेदारों को सस्पेंड करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। यह अस्पताल बीएमसी के अधीन है।
कुनाल ने बताया कि उसके पिता 55 वर्षीय पांडुरंग एक अन्य हास्पिटल में भर्ती हैं। वे भी संक्रमित निकले थे। कुनाल अपने परिवार में अकेला लड़का है। वो अभी कॉलेज में पढ़ रहा है।
मुंबई-पुणे से लेकर पूरे महाराष्ट्र की राजनीति, बिज़नेस गतिविधियाँ, बॉलीवुड अपडेट्स और लोकल घटनाओं पर हर पल की खबरें पढ़ें। राज्य की सबसे विश्वसनीय कवरेज के लिए Maharashtra News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — केवल Asianet News Hindi पर।