
मुंबई. टाटा ग्रुप के चेयरमैन 83 वर्षीय रतन टाटा की दरियादिली जगजाहिर है। इतनी बड़े ग्रुप के मालिक होने के बावजूद वे साधारण रहन-सहन वाले व्यक्ति की तरह ही जीवन गुजारते हैं। अपने कर्मचारियों के प्रति उनका प्रेम एक मिसाल है। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों सामने आया है। टाटा कंपनी का एक पूर्व कर्मचारी पिछले 2 साल से बीमार है। इसकी खबर जब रतन टाटा का पता चली, तो वे बगैर किसी को बताए मुंबई से पुणे यानी 150 दूर उसके घर जा पहुंचे। जब सामने रतन टाटा को खड़े पाया, तो उस शख्स को लगा जैसे कोई सपना देख रहा हो।
अकेले ही गए...
सबसे बड़ी बात रतन टाटा अपनी कार से खुद पुणे की फ्रेंड्स सोसायटी पहुंचे। इसकी भनक मीडिया तक को नहीं हुई। टाटा के साथ उनके सिक्योरिटी गार्ड्स भी नहीं थे। इसका खुलासा एक शख्स ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर किया। बताते हैं कि रतन टाटा ने अपने पूर्व कर्मचारी के इलाज का पूरा खर्चा उठाने का भरोसा दिलाया है। बता दें कि कोरोनाकाल में जब कंपनियां अपने कर्मचारियों को निकाल रही थीं, तब भी टाटा ने इस पर अफसोस जताया था।
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