दिल्ली के शासक का दुश्मन चीन या पाकिस्तान नहीं, उनके खिलाफ बोलने वाले को माना जाता है दुश्मन: संजय राउत

शिवसेना के मुखपत्र सामना के अपने कॉलम में संजय राउत ने लिखा कि सोची-समझी साजिश के तहत लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म किया जा रहा है। लोकतंत्र-स्वतंत्रता को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। इनकी परिभाषाएं बदल गई है। अब विपक्ष को दुश्मन करार दिया गया है। 

Sanjay Raut in Saamana: जेल से बाहर आने के बाद शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। रविवार को राउत ने कहा कि देश में अब न तो लोकतंत्र है और न ही स्वतंत्रता मौजूद है। ये अब केवल नाम हैं। राजनीति को जहरीली कर दिया गया है। ब्रिटिश शासन के दौरान भी ऐसा नहीं था जितना इस समय बना दिया गया है। महाराष्ट्र की राजनीति के वर्तमान दौर पर भी उन्होंने दु:ख जताया है। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र का राजनीतिक माहौल पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है जहां कई लोग तो एक-दूसरे को नष्ट करने पर उतारू हैं।

शिवसेना के मुखपत्र सामना के अपने कॉलम में संजय राउत ने लिखा कि सोची-समझी साजिश के तहत लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म किया जा रहा है। लोकतंत्र-स्वतंत्रता को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। इनकी परिभाषाएं बदल गई है। अब विपक्ष को दुश्मन करार दिया गया है। 

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दिल्ली के शासकों के दुश्मन चीन या पाकिस्तान नहीं बल्कि सच बोलने वाले लोग

सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम रोखथोक में लिखा कि दिल्ली में आज के शासक वही सुनना चाहते हैं जो वे चाहते हैं। जो ऐसा नहीं करते उन्हें दुश्मन माना जाता है। उन्होंने कहा कि चीन या पाकिस्तान, दिल्ली के दुश्मन नहीं हैं लेकिन जो सच बोलते हैं और सीधे हैं उनको दिल्ली के शासक दुश्मन मानते हैं। ऐसे राजनीतिक नेता देश के कद को कम कर रहे हैं। दुनिया में काफी किरकिरी भी करा रहे हैं।

राउत को अगस्त में किया गया था अरेस्ट

एक चाल घोटाले में संजय राउत को ईडी ने बीते 1 अगस्त को अरेस्ट किया था। हालांकि, इस गिरफ्तारी को कोर्ट ने गलत मानते हुए बीते 9 नवम्बर को रिहाई का आदेश दिया था। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत, जेल जाने से पहले केंद्र की नीतियों की जमकर आलोचना करते रहे हैं। बीते दिनों उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच पार्टी को लेकर विवाद में भी संजय राउत ठाकरे परिवार के साथ काफी मजबूती के साथ खड़े रहे थे। 

महाराष्ट्र में ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार इस साल जून में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बाद गिर गई थी। उद्धव ठाकरे के इस्तीफा के बाद बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई थी। एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जबकि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया।

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