शिवसेना का चुनाव चिह्न तीर-धनुष सील, उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट की लड़ाई के बीच ECI का फैसला

शिवसेना की लड़ाई चुनाव आयोग में पहुंचने के बाद दोनों गुटों को जोरदार झटका लगा है। चुनाव चिह्न पर दावा ठोकने वाले दोनों गुटों को चुनाव आयोग ने तीर-धनुष के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

Shiv Sena symbol frozen by ECI: शिवसेना के दो गुटों की लड़ाई में पार्टी का सिंबल फ्रीज कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने शिवसेना पर कब्जे और सिंबल को लेकर दोनों गुटों के झगड़े को देखते हुए यह निर्णय लिया है। चुनाव आयोग के अगले आदेश तक शिवसेना का सिंबल तीर-धनुष सील रहेगा और इसका इस्तेमाल न तो शिंदे गुट कर पाएगा न ही उद्धव ठाकरे गुट इसको यूज करेगा। महाराष्ट्र में शिवसेना के दो गुटों के बीच बीते चार महीने से लड़ाई चल रही है। दोनों गुट, खुद को असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं।

शिंदे ने अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव के लिए मांगा था चुनाव चिन्ह

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चुनाव आयोग से शिवसेना के शिंदे गुट ने चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' की मांग की थी। शिंदे गुट ने खुद को असली शिवसेना होने का दावा किया है। शिंदे गुट का कहना था कि राज्य के अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होना है। ऐसे में उसे चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाए ताकि वह अपना प्रत्याशी उतार सकें। इस दावे के बाद चुनाव आयोग ने ठाकरे को लिखे एक पत्र में आवश्यक दस्तावेजों के साथ आठ अक्टूबर को दोपहर दो बजे तक टिप्पणी देने का निर्देश दिया था। आयोग ने कहा कि यदि कोई जवाब नहीं मिलता है तो आयोग अपने पास उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के अनुसार कार्रवाई करने को बाध्य होगा।

4 अक्टूबर को एकनाथ शिंदे गुट ने किया था दावा

चुनाव आयोग के पत्र के अनुसार शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने 4 अक्टूबर को आयोग में प्रार्थना पत्र देकर चुनाव चिन्ह तीर-धनुष पर अपना दावा किया था। शिंदे गुट के अनुसार वह असली शिवसेना है। इस गुट ने बताया कि विधानसभा व लोकसभा में सदस्यों का बहुमत उनके पास है। इसलिए उनको शिवसेना के रूप में मान्यता देने के साथ तीर-धनुष चुनाव चिन्ह का आवंटन होना चाहिए।

शिवसेना के दोनों पक्षों को सिंबल इस्तेमाल से रोक

चुनाव आयोग ने शनिवार को सुनवाई करते हुए शिवसेना का सिंबल तीर-धनुष को फ्रीज कर दिया। उपचुनाव में अब कोई भी गुट चुनाव चिह्न तीर-धनुष का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। दरअसल, दोनों गुट इस सिंबल पर अपना दावा कर रहे हैं। चुनाव आयोग अभी इस सिलसिले में फैसला नहीं ले पाया है कि किस गुट केपास सिंबल होना चाहिए। ऐसे में चुनाव आयोग ने सिंबल को फ्रीज कर दिया है।

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