गुड न्यूज: कोरोना से जंग में भारत चल रहा आगे, ये 10 बातें दे रहीं जीत का सबूत

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 9240 केस सामने आए हैं। लेकिन इन सबके बाद भी स्थिति काबू में नजर आ रही है। जहां एक ओर अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी और स्पेन जैसे देशों में कोरोना से हाहाकार मचा है। वहीं, भारत में स्थितियों का आसानी से सामना किया जा रहा है और उनका हल निकाला जा रहा।

Prabhanjan bhadauriya | Published : Apr 13, 2020 8:35 AM IST / Updated: Apr 14 2020, 05:06 PM IST

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 9240 केस सामने आए हैं। लेकिन इन सबके बाद भी स्थिति काबू में नजर आ रही है। जहां एक ओर अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी और स्पेन जैसे देशों में कोरोना से हाहाकार मचा है। हर तरफ सिर्फ मौत की खबरें आ रही हैं। वहीं, भारत में स्थितियों का आसानी से सामना किया जा रहा है और उनका हल निकाला जा रहा। माना जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा समय रहते उठाए गए कदम और युद्ध स्तर पर की गईं तैयारियों ने आज हमें कोरोना से मुकाबले में अमेरिका और ब्रिटेन जैसी महाशक्तियों से आगे खड़ा कर दिया है। मौजूदा स्थितियों को देखते हुए यह लगने लगा है कि कोरोना से इस जंग में भारत जीत हासिल कर सकता है। इस बारे में जानकारी लेने के लिए एशियानेट न्यूज हिंदी न्यूज ने बात की श्वास रोग, निमोनिया विशेषज्ञ डॉ प्रियनाथ अग्रवाल (एमबीबीएस, एमडी (मेडिसिन ) डीएम रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन) से। आईए एक्सपर्ट से जानते हैं कि किस तरह से भारत इस लड़ाई में कोरोना को मात देने के लिए आगे निकल चुका है। 

10 ऐसी बातें, जो बताती हैं कि कोरोना से जंग जीत रहा है भारत 

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1- भारत में कोरोना के वर्तमान आंकड़े
डॉ प्रियनाथ अग्रवाल बताते हैं कि भारत में जो मौजूदा आंकड़े हैं, वे बता रहे हैं कि हम अभी बहुत अच्छी स्थिति में है। अब तक भारत में सिर्फ 9 हजार मामले सामने आए हैं। 322 लोगों की मौत हुई है। कुछ दिनों में आंकड़े जरूर बढ़े हैं। लेकिन अब 2-4 दिनों में इनमें कमी देखने को मिलेगी। अच्छी बात यह है कि भारत में ज्यादातर मरीज सामान्य दवाइयों से ही ठीक हो रहे हैं। इसके अलावा जो कहा, जा रहा है कि भारत अमेरिका और इटली जैसी स्थिति से कुछ दिन पीछे है। ऐसा नहीं है, क्यों कि भारत ने समय रहते जरूरी कदम उठाकर ये समय बचाया है। भारत ने अभी अपने प्रयास रोके नहीं है। ऐसे में हम और आगे निकल जाएंगे। 

2- भारत सरकार की तैयारियां
भारत सरकार ने कोरोना के खिलाफ काफी सक्रियता से कदम उठाए। डॉ अग्रवाल कहते हैं कि WHO से सभी देशों को एक साथ ही कोरोना वायरस के बारे में जानकारी मिली थी। लेकिन भारत सरकार ने तेजी दिखाते हुए कदम उठाए। अन्य देशों से उड़ानें रोकीं। अमेरिका, ब्रिटेन, इटली समेत बाकी देश इंतजार करते रहे। इन्होंने ठोस कदम उठाने में काफी देर कर दी। इसी का आज नतीजा भुगत रहे हैं। भारत में हेल्थ टीमें तेजी से काम कर रही हैं। अस्पताल बन रहे हैं। बेड बढ़ाए जा रहे हैं। रेलवे कोच में वार्ड में बन रहे हैं। दूर की सोच कर काम चल रहा है। यहां तक की भारत को 12 अप्रैल तक 1600 आईसीयू बेड की जरूरत थी, लेकिन उस वक्त तक भारत के पास 1 लाख से ज्यादा ऐसे बेड मौजूद थे।

3- मॉनिटर किया जा रहा, समस्या आने पर तुरंत समाधान हो रहा
भारत का हेल्थ सिस्टम काफी सक्रियता के साथ काम कर रहा है। ना केवल काम किया जा रहा है बल्कि कोरोना की स्थिती को मॉनिटर भी किया जा रहा है।   प्रधानमंत्री मोदी खुद हर स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वे मिनट टू मिनट जानकारियां ले रहे हैं। साथ ही हर स्तर पर अधिकारियों, मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं। यहां तक की पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे 24 घंटे में उन्हें कभी भी फोन कर सकते हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी के साथ विशेषज्ञों की 11 टीम कामें कर रही हैं। ये टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं। पीएम मोदी इन विशेषज्ञों की सलाह पर ही कदम उठा रहे हैं। इसके अलावा मोदी सरकार ने मंत्रियों का ग्रुप बनाया है। इसमें राजनाथ सिंह भी शामिल हैं। हर स्थिति को मॉनिटर किया जा रहा है, समस्या आने पर तुरंत समाधान किया जा रहा है। पुलिसकर्मियों से लेकर डॉक्टर तक सरकार लगातार समर्थन कर रही है। 

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4- अमेरिका और इटली जो नहीं कर पाया, वो भारत कर रहा
डॉ अग्रवाल ने बताया, भारत में लॉकडाउन का फैसला काफी अहम रहा। भारत में 18 मार्च को पहला केस आया। 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया। वहीं, इटली  जैसे देश में 9 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था। तब तक देश में करीब 10 हजार मामले सामने आ चुके थे। जबकि 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी। वहीं, अमेरिका भी पूरी तरह लॉकडाउन का ऐलान नहीं कर सका। इसका नतीजा ये हुआ कि आज वहां संक्रमण के 5 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। 22 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा भारत में सरकार ने कोरोना को लेकर जनता को स्पष्ट जानकारी दी, वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति खुद अपने बयान पर कायम नहीं रह सके।
 


5- भारत की संस्कृति और संस्कार भी कोरोना से जंग में अहम
उन्होंने बताया कि अमेरिका और यूरोप की संस्कृति भारत से काफी अलग है। यहां घूमने फिरने की प्रवृति रखने वाले लोग नहीं हैं। भारत में बड़ों का आदर करना, बात मानना, नमस्कार करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। कोरोना से जंग में यह काफी काम भी आ रहा है। भारत में लॉकडाउन 99% सफल रहा है। यहां सिर्फ जरूरत पड़ने पर बाहर निकल रहे हैं। जबकि अमेरिका और यूरोप का युवाओं का कल्चर बाहर घूमने, फिरने और पार्टी करने वाला है। यहां लोग सरकार की लाखों अपील के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे। लोगों ने दलगत राजनीति से उठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के फैसले का समर्थन किया और उनका पालन किया। 
 


6-  इम्यून सिस्टम का फर्क 
निश्चित तौर पर भारत के लोगों का इम्यून सिस्टम इटली और अमेरिका से बेहतर माना जाता है। भारत में संक्रमित मरीजों में से ज्यादातर लोग ठीक होकर वापस लौट रहे हैं। जो लोग संक्रमित भी हैं, वे इससे ज्यादा प्रभावित नहीं हैं। इसलिए भारत में अब तक 1000 से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं, 80% मरीजों का सामान्य इलाज चल रहा है। सिर्फ 20% को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, जबकि अमेरिका में भर्ती होने वाले ज्यादातर मरीजों की मौत हो रही है।  

7- बीसीजी का टीका
भारत में जन्म के वक्त बच्चों को बैसिलस कैलमिटी गुएरिन (बीसीजी) का टीका लगाया जा जाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। यही कारण है कि भारत में भारत में वायरस लोगों को इतनी जल्दी प्रभावित नहीं करता। हाल ही में कुछ रिसर्च में भी सामने आया है कि भारत समेत जिन देशों में बीसीजी का टीका लगता है, वहां संक्रमण से मौत की आशंका कम है। वहीं, इटली, स्पेन और अमेरिका जैसे देशों में यह टीका नहीं लगता। 

इसके अलावा उन्होंने बताया, भारत में मलेरिया का प्रकोप रहा है। यहां पिछले 1-2 साल को छोड़ दें तो हमेशा से मलेरिया बड़ी समस्या रहा है। मलेरिया के वक्त लोगों को जो दवाईं दी गईं, वे कोरोना के खिलाफ काम आ रही हैं। भारत में लगभग सभी नागरिकों ने हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा खा रखी है। इस दवा के लिए अमेरिका भारत से गुहार लगा रहा है। यहां तक की भारत से यह दवा 13 देशों में भेजी जा चुकी है। 

8- भारत में सबसे कम टेस्ट हुए, क्या यह चिंता की बात नहीं?
भारत में 130 करोड़ की आबादी है। कुछ समय बाद जनसंख्या के मामले में हम चीन को भी पीछे छोड़ देंगे। ऐसे में पूरे लोगों का टेस्ट कर पाना संभव नहीं है। इसके लिए बड़े स्तर पर सुविधाएं चाहिए, जो भारत के पास अभी नहीं हैं। दूसरी बात यह की, अभी ज्यादातर उनके टेस्ट हुए हैं जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री थी, या फिर मोस्ट सस्पेक्ट थे। लेकिन इनमें से भी सिर्फ 9 हजार लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से 20% मामले तब्लीगी जमात के हैं। 

 

9- वातावरण
डॉ प्रियनाथ अग्रवाल कहते हैं, भारत में दिन प्रति दिन गर्मी बढ़नी है। जैसे ही तापमान में 5-10 डिग्री की वृद्धि हुई, वायरस का जीवन काल कम होने लगेगा। संक्रमण फैलने की दर में भी कमी आएगी। हाल ही में कुछ रिसर्च में भी यह सामने आया है कि कोरोना से जंग में तापमान भी बड़ी भूमिका निभाएगा।

10- दुनिया कर रही तारीफ
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO भारत की तारीफ कर रहा है। डॉ अग्रवाल कहते हैं, जो कदम मोदी सरकार ने उठाए थे। उनका आज अंतर दिखने लगा है। इसलिए सब लोग मोदी सरकार की तारीफ कर रहे हैं। जहां अमेरिका, यूरोप के देशों में जनसंख्या कम है। लोग पढ़े लिखे हैं और सुविधाएं ज्यादा हैं। भारत में इन सबके विपरीत स्थितियां हैं। इसके बावजूद भारत ने जैसे कोरोना को कंट्रोल किया है वह तारीफ के काबिल है। दुनिया के कई देश भारत की ओर मदद के लिए टकटकी लगाए देख रहे हैं।

 


रहना होगा सजग
भले ही भारत कोरोना के खिलाफ जंग में अभी आगे दिख रहा हो। लेकिन डॉ अग्रवाल कहते हैं कि हम अभी ढीले नहीं पड़ सकते। क्योंकि कोरोना वायरस से जंग एक दिन या कुछ दिनों की नहीं है, यह सालों साल तक चलेगी। भारत को कई साल तक चौकन्ना रहना होगा। कोरोना वायरस से हार्ट, लिवर के मरीजों को भी आगे दिक्कत हो सकती है। इसके मरीजों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में हमें आगे भी लापरवाही नहीं बरतनी है। 

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