तमिलनाडु के तंजावुर में एक बड़ा हादसा हो गया। यहां मंदिर में जुलूस के दौरान करंट फैलने से 12 लोगों की मौत हो गई है। मंदिर से रथ जुलूस निकाला जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ। रथ बिजली के तार के संपर्क में आ गया था। इसके साथ ही वहां चीख-पुकार और भगदड़ मच गई।
तंजावुर, तमिलनाडु. तमिलनाडु में बुधवार(27 अप्रैल) की अलसुबह(early morning) एक भीषण और दिल दहलाने वाला हादसा हो गया। तंजावुर में एक मंदिर में जुलूस के दौरान करंट फैलने से 12 लोगों की मौत हो गई है।15 लोग बुरी तरह झुलस गए। मंदिर से रथ निकाला जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ। रथ बिजली के तार के संपर्क में आ गया था। इसके साथ ही वहां चीख-पुकार और भगदड़ मच गई। पुलिस के अनुसार, हादसे में कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और राहत बचाव कार्य शुरू किया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन(MK Stalin) ने बुधवार सुबह प्रत्येक मृतक के लिए आर्थिक सहायता के रूप में ₹5 लाख की घोषणा की है।
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने जताया शोक
हादसे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(Ram Nath Kovind) ने शोक जताते हुए कहा कि तंजावुर में एक जुलूस में बिजली का करंट लगने से बच्चों सहित अन्य जिंदगियों की हानि शब्दों से परे एक त्रासदी है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दु:ख जताते हुए जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए PMNRF से 2-2 लाख रुपये की घोषणा की। वहीं, घायलों को 50,000 रुपए की सहायता दी जाएगी।
भारी लापरवाही सामने आई
रथ करीब 9 फुट ऊंचा था, जिसे फूलों और लाइट्स से सजाया गया था। रथ की लाइट्स को बिजली उससे जुड़े एक जेनरेटर के जरिये सप्लाई हो रही थी। घायलों में जेनरेटर ऑपरेटर भी शामिल है। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, आमतौर पर रथ यात्रा के दौरान मंदिर के रास्ते वाली पावर सप्लाई बंद कर दी जाती है, ताकि हादसा न हो। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। वहीं, रथ की ऊंचाई भी इस बार अधिक थी। रथ पर लगे साजो-सामान की वजह से उसकी ऊंचाई और बढ़ गई थी।
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मंदिर में 94वां अप्पर गुरुपूजा उत्सव मनाया जा रहा था
मंदिर में 94वां अप्पर गुरुपूजा उत्सव का कार्यक्रम हो रहा था। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। सड़क पर पारंपरिक रथ यात्रा के दौरान अचानक एक बिजली का तार रथ को छू गया। इससे करंट फैल गया और 12 लोगों की मौत हो गई। इनमें 2 बच्चे भी शामिल हैं।
करंट लगते ही दूर फिंके लोग
सेंट्रल जोन, तिरुचिरापल्ली के पुलिस महानिरीक्षक वी. बालकृष्णन(V. Balakrishnan, Inspector General of Police, Central Zone) ने बताया कि मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है। घायल हुए तीन लोगों को तंजावुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इस वार्षिक रथ उत्सव में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर कालीमेडु में है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह रथ यात्रा तमिल शैव संत थिरुनावुक्कारासर(Tamil Saivaite saint Thirunavukkarasar) की याद में निकाली जा रही थी। यह आयोजन स्थानीय गांववाले पिछले 9 दशक से करते आ रहे हैं। पुलिस ने बुधवार के बताया कि रथ हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइन के संपर्क में आया था। चश्मदीदों के अनुसार, रथ एक मोड़ से निकल रहा था, तभी हादसा हुआ। करंट लगने से लोग दूर जा फिंके।
10 लोगों की मौके पर ही मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कई घायलों को तंजावुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 13 साल के एक लड़के सहित एक अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे में मरने वालों की पहचान मोहन (22), प्रताप (36), राघवन (24), अंबाझगन के रूप में हुई है। (60), नागराज (60), संतोष (15), चेल्लम (56), राजकुमार (14), स्वामीनाथन (56) आदि शामिल हैं।
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