12 साल की लड़की को सबरीमाला मंदिर में जाने से रोका गया, सिर्फ पिता को मिली अनुमति

Published : Nov 19, 2019, 12:47 PM ISTUpdated : Nov 19, 2019, 12:51 PM IST
12 साल की लड़की को सबरीमाला मंदिर में जाने से रोका गया, सिर्फ पिता को मिली अनुमति

सार

सबरीमाला मंदिर में जा रही 12 साल की एक लड़की को रोक दिया गया। पुलिस ने उस लड़की की आईडी चेक की, जिससे उनके उम्र का पता चला, इसके बाद पुलिस ने उसे बाहर ही रोक दिया। वह अपने पिता और रिश्तेदारों के साथ भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा-अर्चना करने आई थी। 

केरल. सबरीमाला मंदिर में जा रही 12 साल की एक लड़की को रोक दिया गया। पुलिस ने उस लड़की की आईडी चेक की, जिससे उनके उम्र का पता चला, इसके बाद पुलिस ने उसे बाहर ही रोक दिया। वह अपने पिता और रिश्तेदारों के साथ भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा-अर्चना करने आई थी। लेकिन सिर्फ पिता को ही मंदिर में जाने की अनुमति मिली।

बेलूर की रहने वाली है लड़की
लड़की तमिलनाडु से आई थी और बेलूर की रहने वाली है। लड़की के दस्तावेजों की जांच के बाद पुलिस की कार्रवाई की। महिला पुलिस ने लड़की को पम्पा में रोक दिया और केवल पिता को ही मंदिर में जाने दिया। मंदिर परिसर में केवल 10 साल से कम उम्र की लड़कियों और 50 से ऊपर की महिलाओं को जाने की अनुमति देने के निर्देश है। मंदिर खुलने के दूसरे दिन मंदिर पहुंची 10 महिलाओं को पुलिस ने पम्पा से वापस भेज दिया।

क्यों 10-50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर थी रोक? 

- सबरीमाला मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के पहले हुआ था। यहां तभी से 10-50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था। 

- सबरीमाला मंदिर पत्तनमतिट्टा जिले के पेरियार टाइगर रिजर्वक्षेत्र में स्थित है। अन्य मंदिरों की तरह सबरीमाला मंदिर पूरी साल नहीं खुला रहता है। सबरीमाला मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा सालाना तीर्थ है। इस मंदिर को त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड चलाता है। यह केरल सरकार के अधीन ही आता है। 

- सबरीमाला भगवान अयप्पा का मंदिर है। भगवान अयप्पा को मंदिर का सबसे बड़ा देवता माना जाता है। मान्यता है कि भगवान अय्यपा, शिव और विष्णु के स्त्री रूप अवतार मोहिनी के पुत्र हैं। 

- अयप्पा भगवान को ब्रह्मचारी और तपस्वी माना जाता है। इसलिए मंदिर में मासिक धर्म के आयु वर्ग में आने वाली स्त्रियों का जाना प्रतिबंधित था। 

- कुछ भक्तों का दावा है कि मंदिर में प्रवेश से पहले 41 दिनों तक व्रत रखना पड़ा है। इस दौरान महिला का एक मासिक धर्म होता है, ऐसे में वह व्रत नहीं कर पाती।

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