12वीं की किताब में दावा- शाहजहां-औरंगजेब ने कराई मंदिरों की मरम्मत, सबूत मांगा तो NCERT ने कहा- जानकारी नहीं

 देश का बौद्धिक वर्ग हमेशा इस बात को लेकर सवाल उठाता रहा है कि पाठ्य पुस्तकों में मुगल शासकों के कालखंड को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है। जबकि वहीं, हिंदू राजाओं को उनसे कम आंका गया है। अब ऐसा ही एक मामला सामने आया है। दरअसल, NCERT की 12वीं की किताब में यह दावा किया गया है कि शाहजहां-औरंगजेब ने युद्ध के दौरान टूटे मंदिरों की मरम्मत करवाई थी। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 14, 2021 8:56 AM IST

नई दिल्ली. देश का बौद्धिक वर्ग हमेशा इस बात को लेकर सवाल उठाता रहा है कि पाठ्य पुस्तकों में मुगल शासकों के कालखंड को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है। जबकि वहीं, हिंदू राजाओं को उनसे कम आंका गया है। अब ऐसा ही एक मामला सामने आया है। दरअसल, NCERT की 12वीं की किताब में यह दावा किया गया है कि शाहजहां-औरंगजेब ने युद्ध के दौरान टूटे मंदिरों की मरम्मत करवाई थी। लेकिन जब इस बारे में छात्र शिवांक वर्मा ने आरटीआई के तहत सबूत मांगा तो NCERT ने चौंकाने वाला जवाब दिया।

शिवाकं वर्मा ने आरटीआई दाखिल कर ये दो सवाल पूछे

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पहला-  बारहवीं की कक्षा में पढ़ाए जाने वाली किताब थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 में दावा किया गया है कि शाहजहां और औरंगजेब के शासनकाल में युद्ध के दौरान जब मंदिर टूटे तो उनकी मरम्मत के लिए भी धन दिए गए। इसका आधार क्या है?


दूसरा-  औरंगजेब और शाहजहां ने कितने मंदिरों की मरम्मत करवाई?

NCERT का जवाब हुआ वायरल
शिवांक की इस आरटीआई पर NCERT की ओर से जवाब में कहा या कि विभाग के पास इस संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। 


12वीं में पढ़ते वक्त उठे थे मन में सवाल
शिवांक ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जब वे 2018 में 12वीं क्लास में पढ़ते थे, तभी इन दावों को लेकर उनके मन में सवाल उठे थे। इसलिए उन्होंने अब आरटीआई दायर कर एनसीईआरटी से इसके बारे में पूछा था। शिवांक अभी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर में पढ़ रहे हैं। 

मुगलकाल और हिंदू राजाओं के कालखंड में संतुलन की जरूरत
वहीं, किताबों में सुधार के मुद्दे पर बुधवार को शिक्षा पर संसद की स्थायी समिति की मीटिंग हुई। इसमें भी भारतीय इतिहास की पाठ्य पुस्तकों  में मुगलकाल का मुद्दा छाया रहा। बताया जा रहा है कि  भारतीय शिक्षा मंडल और शिक्षा संस्कृति न्यास से जुड़े दोनों शिक्षाविदों ने कहा कि मुगलकाल और हिंदू राजाओं के कालखंड को किताब में मिली जगह में संतुलन की जरूरत है। 
 

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