1350 सांसदों के बैठने की व्यवस्था, आवास से पैदल ऑफिस जा सकें PM...कुछ ऐसा दिखेगा देश का नया संसद

मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित नए संसद भवन के लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी। वहीं, संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा में 1350 सांसद आराम से बैठ सकते हैं। बता दें कि सरकार ने सेंट्रल विस्टा को पुनर्विकसित करने की योजना को मंजूरी दे दी है और इसके लिए 2024 डेडलाइन तय की गई है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 19, 2020 9:42 AM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:33 AM IST

नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नए संसद भवन के ड्रीम प्रोजेक्ट को परवान चढ़ाने के लिए नई-नई कवायदें की जा रही हैं। इन सब के बीच संसद भवन बनाने के प्रस्तावित नक्शा सामने आ चुका है। जिसमें नए संसद भवन में लोकसभा का सेंट्रल हॉल इतना बड़ा होगा कि आने वाले समय में अगर सासंदों की संख्या बढ़ाई भी जाती है तो आराम से सभी सांसद बैठ सकेगें। सरकार द्वारा प्रस्तावित नए संसद भवन के लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी। वहीं, संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा में 1350 सांसद आराम से बैठ सकते हैं। बता दें कि सरकार ने सेंट्रल विस्टा को पुनर्विकसित करने की योजना को मंजूरी दे दी है और इसके लिए 2024 डेडलाइन तय की गई है।

ऐसा होगा नया सांसद भवन

नया संसद भवन त्रिकोणीय होगा। लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर सीटों की संख्या को इसलिए बढ़ाया जा रहा है ताकि भविष्य में लोकसभा में सीटें बढ़ती भी हैं तो किसी तरह की दिक्कत न हो। नए लोकसभा सदन में दो सीट वाली बेचें होंगी, जिसमें सासंद आराम से अकेले बैठ सकेंगे। वहीं, संयुक्त सत्र के दौरान इन्हीं दो सीटों वाली बेंच पर तीन सांसद बैठ सकेंगे। इस तरह से कुल 1350 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। 

त्रिभुजाकार संसद भवन

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार परियोजना के तहत संसद भवन की मौजूदा इमारत के पास ही नये संसद भवन की त्रिभुजाकार इमारत के डिजायन को मंत्रालय के समक्ष पेश किया गया है। परियोजना का डिजायन तय करने वाली भवन निर्माण कंपनी द्वारा पेश संसद भवन के डिजायन को प्रधानमंत्री कार्यालय से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही मूर्त रूप दिया जायेगा। 

राजपथ के दोनों ओर भव्य इमारतें

मंत्रालय को सौंपे गये शुरुआती डिजायन के मुताबिक समग्र केन्द्रीय सचिवालय के लिये राजपथ के दोनों ओर दस भव्य आठ मंजिला इमारतों में सभी मंत्रालयों को स्थानांतरित किया जायेगा। लुटियन क्षेत्र स्थित विभिन्न मंत्रालयों में 25 से 32 हजार केन्द्रीय कर्मचारी कार्यरत हैं। फिलहाल ये मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन में स्थित हैं। प्रस्तावित केन्द्रीय सचिवालय कार्ययोजना के तहत इन भवनों के अलावा उपराष्ट्रपति भवन और विज्ञान भवन को भी हटा कर इन्हें नये सिरे से बनाया जाना है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री आवास को आसपास ही नॉर्थ ब्लॉक के निकट बनाये जाने का प्रस्ताव है। 

म्यूजियम में होगा परिवर्तित 

नई परियोजना के तहत नए सचिवालय में 10 भवन बनाए जाएंगे। संसद भवन के ठीक बगल में नया संसद बनाया जाएगा। नॉर्थ और साउथ ब्लाक को एक कर म्यूजियम में परिवर्तित किया जाएगा, साथ ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) को उसके वर्तमान स्थल से कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है। 

रायसीना हिल पर राष्ट्रपति भवन के सामने स्थिति नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक से ही प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण महकमे संचालित होते हैं। संसद भवन के पुनर्विकास से जुड़ी मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत साउथ ब्लॉक में बनने वाले संग्रहालय में 1857 से पहले की ऐतिहासिक विरासत को संजोया जायेगा, जबकि नॉर्थ ब्लॉक में 1857 से 1947 तक जंग ए आजादी के इतिहास की यादें ताजा की जा सकेंगी। 

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संग्रहालय में तब्दील होने के बाद नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक में भारत के आधुनिक इतिहास की जीवंत तस्वीर का लोग दीदार कर सकेंगे। फिलहाल साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय तथा नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय है। 

ताकि पैदल ऑफिस जा सकेंगे पीएम
 
नए प्रस्तावित योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास और कार्यालय में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा। केंद्र सरकार का कहना है कि झोपड़ियों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण लगभग 90 एकड़ प्रमुख भूमि बर्बाद हो गई है। इस जगह का उपयोग साउथ ब्लॉक के पीछे प्रधानमंत्री के लिए नया आवास और ऑफिस बनाने के लिए किया जाएगा। दोनों को इस तरीके से बनाया जाएगा कि प्रधानमंत्री आवास से ऑफिस पैदल भी जा सकें। इसके अलावा उपराष्ट्रपति के आवास को भी बदला जाएगा। उपराष्ट्रपति का नया पता नार्थ ब्लॉक के उत्तर में प्रधानमंत्री के घर के ठीक सामने होगा। 

जमीन चिन्हित

प्रस्तावित कार्ययोजना को अंजाम देने के लिये दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में लगभग 100 एकड़ जमीन का भू उपयोग बदलने की अधिसूचना जारी कर चुका है। इसके तहत 9.5 एकड़ का भूखंड संसद भवन की नयी इमारत के लिये 15 एकड़ जमीन आवासीय उपयोग के लिये और 76 एकड़ जमीन कार्यालय उपयोग के लिये चिन्हित की जा चुकी है। 

तीन चरणों में पूरा होगा काम 

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जा रहा है। पहले चरण में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के दायरे में मौजूद 'सेंट्रल विस्टा क्षेत्र' को 2021 तक नया रूप दिया जाना है। जबकि मौजूदा और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक संसद भवन की नयी इमारत का निर्माण 2022 तक और तीसरे चरण में सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर समेकित करने के लिये प्रस्तावित समग्र केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक करने का लक्ष्य है।

Share this article
click me!