1971 की जंग के हीरो कैप्टन डीके पारुलकर का निधन, पाकिस्तान की कैद से हुए थे फरार

Published : Aug 10, 2025, 08:46 PM ISTUpdated : Aug 10, 2025, 08:58 PM IST
Group Captain Dilip Kamalakar Parulkar

सार

1971 की जंग के हीरो ग्रुप कैप्टन डीके पारुलकर (रिटायर) अब दुनिया में नहीं रहे। वायुसेना ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्हें साहस और वीरता का प्रतीक बताया है।

DK Parulkar Death: ग्रुप कैप्टन दिलीप कमालकर पारुलकर (रिटायर) नहीं रहे। रविवार को उनका निधन हो गया। वह 1971 में पाकिस्तान के साथ हुई लड़ाई के हीरो थे। पाकिस्तान की कैद से बहादुरी से निकल भागे थे। वायुसेना ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की है। इंडियन एयरफोर्स ने X पर पोस्ट किया, "डीके पारुलकर ने 1971 की लड़ाई के दौरान अद्वितीय साहस, चतुराई और गौरव का परिचय दिया था। उनका स्वर्गवास हो गया है। भारतीय वायुसेना के सभी वायु योद्धा अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।"

 

 

1965 की लड़ाई में गोली लगे विमान को बेस ले आए थे पारुलकर

डीके पारुलकर ने 1965 की जंग लड़ी थी। दुश्मन की गोलाबारी में उनके विमान को गोली लग गई थी। बहादुरी दिखाते हुए वह क्षतिग्रस्त विमान को बेस तक वापस ले आए। इस असाधारण साहसपूर्ण कार्य के लिए उन्हें वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया।

उनका सबसे प्रशंसनीय कार्य 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान हुआ। पाकिस्तान में युद्धबंदी (PoW) के रूप में पकड़े गए विंग कमांडर पारुलकर ने भारतीय वायु सेना में असाधारण साहस और गौरव का परिचय दिया। उन्हें एक युद्धबंदी शिविर में रखा गया था। पारुलकर ने अपने दो साथी अधिकारियों के साथ मिलकर भागने की योजना बनाई और उसका नेतृत्व किया। उन्होंने सुरंग खोदी और साथी जवानों के साथ भाग निकले थे।

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