पिछले महीने चेन्नई में पुलिस हिरासत( police custody) में हुई 25 वर्षीय विग्नेश नाम के व्यक्ति की मौत को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट(post mortem report) में उसकी बॉडी पर 13 अलग-अलग घाव मिले हैं। हालांकि अभी मौत के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है, क्योंकि अभी और रिपोर्ट का इंतजार है। इस मामले ने चेन्नई पुलिस के दामन पर दाग लगा दिया है। मामले को लेकर राजनीति भी गर्मा गई थी।
चेन्नई. यहां पुलिस कस्टडी में ( police custody) में हुई 25 वर्षीय विग्नेश नाम के व्यक्ति की मौत को लेकर पुलिस पर शक की सुई अटक गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट(post mortem report) में उसकी बॉडी पर 13 अलग-अलग घाव मिले हैं। हालांकि अभी मौत के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है, क्योंकि अभी और रिपोर्ट का इंतजार है। इस मामले ने चेन्नई पुलिस के दामन पर दाग लगा दिया है। मामले को लेकर राजनीति भी गर्मा गई थी। मृतक समुद्र तट पर घोड़ा सवारी का काम करता था।
गांजा रखने के इल्जाम में पकड़ा गया था
विग्नेश को जी 5 सचिवालय कॉलोनी पुलिस स्टेशन ने 18 अप्रैल को गांजा(marijuana) रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। लेकिन अगले ही दिन पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो गई थी। आरोप है कि उसे रात 11 बजे तक पीटा गया। इस घटना से जुड़ा एक CCTV फुटेज सामने आया था, जिसमें दो पुलिसवाले विग्नेश को पकड़कर ले जाते दिखाई दिए थे। पुलिस का आरोप है कि पकड़े जाते वक्त विग्नेश के पास चाकू था, जिसे वो फेंक देता है। आरोप है कि पुलिस ने डंडों से खूब पीटा। हालांकि पुलिस का दावा है कि विग्नेश की मौत हार्ट अटैक से हुई, लेकिन उसके परिवारवाले और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उसे टॉर्चर किया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी उसके सिर, आंखों के ऊपर, गाल और बाहों सहित शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान मिले हैं।
सरकार ने सौंपी थी CB-CID को जांच
इस मामले को लेकर राजनीति गहराने पर राज्य सरकार ने इसकी जांच 22 अप्रैल क्राइम ब्रांच की इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट(Crime Branch, Crime Investigation Department-CB-CID) को सौंप दी थी। साथ ही दो पुलिसकर्मियों-एक सब इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये की राहत देने की घोषणा की थी। एक मानवाधिकारी संगठन पीपुल्स वॉच के निदेशक हेनरी टिफांगने (Henri Tiphangne, Director of People's Watch a human rights organisation)ने यह मामला उठाया है। आरोप है कि वहां 15 सीसीटीवी कैमरे थे, लेकिन उनके साथ पुलिस ने छेड़छाड़ की और सिर्फ एक CCTV काम करते मिला।pic.twitter.com/TMpZVFsQbt
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