कोरोना से जंग: एक साल के लिए सांसदों की सैलरी 30% कम, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति-राज्यपाल भी कम लेंगे वेतन

कोरोना वायरस के मामले भारत में लगातार बढ़ रहे हैं। भारत सरकार इससे निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। इसी क्रम में सोमवार को मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया। एक साल के लिए सांसदों के वेतन में 30% कटौती की जा रही है। इसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 6, 2020 10:29 AM IST / Updated: Apr 06 2020, 04:45 PM IST

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के मामले भारत में लगातार बढ़ रहे हैं। भारत सरकार इससे निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। इसी क्रम में सोमवार को मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया। एक साल के लिए सांसदों के वेतन में 30% कटौती की जा रही है। इसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं। वहीं, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल अपनी इच्छा से 30 फीसदी कम वेतन लेंगे। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी।

प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। पहला वेतन कटौती का और दूसरा 2 साल सांसद निधि ना देने का। सरकार वेतन कटौती के लिए अध्यादेश लेकर आएगी जिसके तहत, सांसदों की 30 फीसदी सैलरी कटेगी। 


राहत कोष में जाएगी सांसद निधि
जावड़ेकर ने बताया, कैबिनेट की बैठक में फैसला किया गया है कि कोरोना से निपटने के लिए बेहतर प्रबंधन करने के लिए MPLAD फंड (सांसद निधि) को दो साल के लिए अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है। 2 साल के लिए MPLAD फंड के 7900 करोड़ रुपए इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किया जाएगा।

क्या होती है सांसद निधि
सांसदों को अपने क्षेत्रों में विकास के लिए हर साल 5 करोड़ रुपए की निश्चित राशि मिलती है। इसे सांसद निधि या MPLAD फंड कहते हैं। सांसद अपने क्षेत्रों में विकास के लिए इसे इस्तेमाल करता है। हालांकि, पिछली रिपोर्टों पर गौर करें तो ज्यादातर सांसद पांच साल में अपनी पूरी निधि को भी खर्च नहीं कर पाते। 

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