30 जून से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, कोरोना प्रोटोकॉल का करना होगा पालन, रक्षा बंधन के दिन होगा समापन

Published : Mar 27, 2022, 10:24 PM IST
30 जून से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, कोरोना प्रोटोकॉल का करना होगा पालन, रक्षा बंधन के दिन होगा समापन

सार

अमरनाथ यात्रा 30 जून, 2022 को शुरू होगी। 43 दिनों तक यात्रा चलेगी। इसका समापन रक्षा बंधन के दिन होगा। यात्रा के दौरान COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) 30 जून, 2022 को शुरू होगी। यात्रा के दौरान COVID-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। यात्रा का समापन रक्षा बंधन के दिन होगा। अमरनाथ यात्रा इस साल 43 दिनों तक चलेगी। जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल के कार्यालय ने रविवार को इस संबंध में सूचना दी।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट किया कि आज श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की। 30 जून को 43 दिवसीय पवित्र तीर्थयात्रा शुरू होगी। इस दौरान सभी COVID प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। रक्षा बंधन के दिन यह समाप्त होगा। आगामी यात्रा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर हमने गहन चर्चा की। पिछले साल 21 जून को जम्मू-कश्मीर सरकार ने कोरोना महामारी के चलते अमरनाथ यात्रा रद्द करने का फैसला किया था।

अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने सुनाई थी अमर कथा
बता दें कि कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में श्री अमरनाथ गुफा हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर होने की कथा सुनाई थी। इस कथा को गुफा में मौजूद दो कबूतरों ने सुन लिया था। इस गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है। इसके दर्शनों के लिए पूरे देश से लाखों लोग पहुंचते हैं। 

काफी कठिन है अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा काफी कठिन मानी जाती है। गुफा तक पहुंचने के लिए भक्तों को पहाड़ पर बने कठिन रास्तों पर चलना पड़ता है। इस यात्रा के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करना होता है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड यात्रा का प्रबंधन करता है। इसे  2000 में जम्मू और कश्मीर राज्य विधानमंडल के एक अधिनियम द्वारा गठित किया गया था। जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल इसके पदेन अध्यक्ष हैं।

यह भी पढ़ें- बिहार के सीएम पर हमला: प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान नीतीश कुमार की पीठ पर युवक ने मारा मुक्का

आतंकियों के निशाने पर रही है अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई दो रास्तों से की जाती है। एक पहलगाम और दूसरा बालटाल से होकर जाता है। यह यात्रा पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के निशाने पर रही है। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना उठाती है। पूरे रास्ते 24 घंटे सेना के जवानों की तैनाती की जाती है ताकि आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकें। इसके लिए सेना और सुरक्षा बलों को पहले से तैयारी करनी होती है।

यह भी पढ़ें- घर की छत से कूद गया था नीतीश कुमार को मुक्का मारने वाला विक्षिप्त युवक, CM ने कहा- नहीं की जाये कार्रवाई

PREV

Recommended Stories

आसमान में बदल जाएगा फाइटर जेट का आकार, भारत ने वो किया जो दुनिया के चंद देश कर पाए हैं!
मंदिर जाने से मना करने वाले ईसाई अफसर Samuel Kamalesan का सस्पेंशन एकदम सहीः SC