मोबाइल यूजर्स के लिए अच्छी खबर, इसी साल शुरू हो सकती है 5G सेवा, ट्रायल के लिए 13 कंपनियों को मंजूरी

मोबाइल यूजर्स के लिए अच्छी खबर है। इसी साल  5G शुरू हो सकती है। दरअसल, सरकार ने देश में 5G ट्रायल के लिए 13 कंपनियों के आवेदन को मंजूरी दे दी है। हालांकि, सरकार ने इससे चीनी कंपनियों को दूर रखा है। 
 

Asianet News Hindi | Published : May 4, 2021 4:02 PM IST

नई दिल्ली. मोबाइल यूजर्स के लिए अच्छी खबर है। इसी साल  5G शुरू हो सकती है। दरअसल, सरकार ने देश में 5G ट्रायल के लिए 13 कंपनियों के आवेदन को मंजूरी दे दी है। हालांकि, सरकार ने इससे चीनी कंपनियों को दूर रखा है। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम विभाग को 5G के ट्रायल के लिए 16 आवेदन मिल थे। सरकार ने 13 को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस ट्रायल से हुवावे और ZTE जैसी चाइनीज कंपनियों को दूर रखा गया है। 

बीएसएनएल भी आई आगे
उधर, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने भी इस ट्रायल के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (C-DoT) के साथ साझेदारी की है। C-DoT भारत सरकार का टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर है। इसकी स्थापना 1984 में की गई थी। इसके अलावा ने भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो ने एरिक्सन और नोकिया से वेंडर्स के साथ साझेदारी की है। 

ट्रायल के लिए मिलेगी एयरवेव
अधिकारियों ने बताया कि कंपनियों को ट्रायल के लिए जल्द 700 मेगाहर्ट्ज बैंड की एयरवेव दी जाएंगी। हालांकि, कंपनियों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग जैसी शर्तों का पालन करना होगा। इसके अलावा नेटवर्क की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। इतना ही नहीं कंपनियां इन वेव का इस्तेमाल सिर्फ ट्रायल के लिए करेंगी। इनका कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। 

जियो कर चुकी 5G लॉन्च करने का ऐलान
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल ही में ऐलान किया था कि जियो 2021 की दूसरी छमाही में  5G लॉन्च करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा था कि देश में डिजिटल लीड को बनाए रखने के लिए 5G की शुरुआत करने की जरूरत है और इसे सस्ता और सभी जगह उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।
 
इन देशों में मिल रहीं 5G सेवाएं
भारत में भले ही अभी  5G सेवाएं लॉन्च करने की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन अमेरिका, चीन और दक्षिण कोरिया में यह पहले ही शुरू हो चुकी है। इतना ही नहीं श्रीलंका, ओमान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड जैसे 68 छोटे बड़े देशों में यह शुरू हो चुकी हैं। 

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