21 साल पहले हो गई थी पति की मौत, वृद्धाश्रम में हुआ प्यार; अब 66 की उम्र में कर रहीं शादी

त्रिशूर के रामावरमपुरम में एक सरकारी वृद्धाश्रम में 67 साल के कोचनियन मेनन और 66 साल की पीवी लक्ष्मी अम्मल रहते हैं। वे दोनों एक दूसरे को दशकों से जानते हैं। लेकिन तमाम जांच और समस्याओं का सामना करने के बाद अब दोनों ने शादी करने का फैसला किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 19, 2019 11:57 AM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:29 AM IST

तिरुअनंतपुरम. त्रिशूर के रामावरमपुरम में एक सरकारी वृद्धाश्रम में 67 साल के कोचनियन मेनन और 66 साल की पीवी लक्ष्मी अम्मल रहते हैं। वे दोनों एक दूसरे को दशकों से जानते हैं। लेकिन तमाम जांच और समस्याओं का सामना करने के बाद अब दोनों ने शादी करने का फैसला किया है। 

केरल के जिस सरकारी वृद्धाश्रम में दोनों रहते थे, वहां अगले 12 दिन के बाद इन दोनों की शादी होगी। 67 साल के दूल्हे और 66 साल की दुल्हन ने एक महीने पहले ही शादी करने का फैसला किया है। यह केरल के त्रिशूर में पहला मामला है, जब वृद्धाश्रम में किसी की शादी होगी। यहां रहने वाले और लोग शादी की तैयारियों में जुटे हैं। 
 
पति के बिजनेस में सहयोगी थे कोचनियन 
लक्ष्मी कोचनियन को वृद्धाश्रम में आने से पहले से जानती हैं। वे उनके पति कृषा अय्यर के कैटरिंग के बिजनेस में सहयोगी थे। लक्ष्मी ने बताया, ''मेरे पति का 21 साल पहले देहांत हो गया था। मैं कुछ साल तक घर पर अकेली रही। मुझे जब भी कोई जरूरत होती थी, कोचनियन मदद के लिए आते थे। इसके बाद मैंने अपना घर बेच दिया। मैं एक रिश्तेदार के घर पर कई सालों तक रही। कोचानियन यहां उनसे मिलने आते रहते थे।
 
उन्होंने बताया, कुछ साल पहले कोचनियन कहीं चले गए और वापस नहीं लौटे। 2 साल पहले मैं इस वृद्धाश्रम में आ गई। दो महीने पहले मैं इसी वृद्धाश्रम में उनसे फिर से मिली।

 

कोचनियन कभी मुझे अकेला नहीं छोड़ते: लक्ष्मी
लक्ष्मी को पहले यकीन नहीं था कि वे प्यार में हैं। लेकिन वे कहती हैं कि वे दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं। लक्ष्मी ने बताया, मैं उन्हें यहां देखकर चकित रह गई। मैं उन दिनों अपने को अकेला महसूस कर रही थी। जब मैं उनसे मिली तो मुझे अच्छा लगने लगा। वे मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ते, वे मुझे प्यार करते हैं। इसलिए हमने बाकी का जीवन पति पत्नी की तरह गुजारना चाहते हैं।


 
कोचनियन अपने कुछ साल पहले अपने बच्चों के साथ रहते थे। इसके बाद वे वायनाड में वृद्धाश्रम में रहने लगे। जहां से उनका ट्रांसफर यहां कर दिया गया। 

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