गुलामी या दासता (Slavery) का नाम आते ही मन में राजा महाराजाओं के दौर की तस्वीर आती है, लेकिन इस 21वीं सदी में भी दुनियाभर में 4 करोड़ से अधिक लोग गुलामी की जंजीरों में जकड़े हैं। बस तरीका थोड़ा सा अपग्रेड हो चुका है।
नई दिल्ली। दुनियाभर के 167 देशों में अनुमानित 4 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी रूप में गुलामी में जी रहे हैं। 2016 से 2018 के बीच इस मामले में भारत समेत कई देशों की स्थिति में काफी सुधार हुआ। इसके बाद भी भारत इस मामल में पहले नंबर पर है। वॉक फ्री फाउंडेशन (Walk Free Foundation) के 2018 के ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स (Global Slavery Index 2018) में यह जानकारी सामने आई थी। इस एनजीओ ने कार्यस्थल पर उत्पीड़न, लोन बॉन्ड, जबरन विवाह, जबरन मजदूरी और मानव तस्करी जैसे तमाम मुद्दों की रिपोर्ट के आधार पर यह आंकड़े जारी किए थे। इस एनजीओ ने अब तक मॉडर्न स्लेवरी के चार संस्करण 2013, 2014, 2016 और 2018 पेश किए हैं।
दो साल में भारत में घटी संख्या
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2016 में अनुमानित 1.8 करोड़ लोग मार्डन स्लेवरी (आधुनिक गुलाम) वाली स्थिति में जी रहे थे। यानी 2016 में यह माडर्न स्लेवरी वाले सर्वाधिक लोगों वाला देश था। 2018 में इनकी संख्या कम होकर 80 लाख रह गई। यानी कि आधे से अधिक का अंतर आया। इसके बाद भी भारत में यह आधुनिक गुलामों की संख्या दुनियाभर में सबसे अधिक है। भारत की तुलना में इनकी संख्या 39 लाख है, जबकि पाकिस्तान में यह संख्या 2016 से 2018 के बीच 52 फीसदी बढ़कर 32 लाख तक पहुंच गई। चेक रिपब्लिक जैसे देश में भी जबरन शादी और जबरन काम करवाने के शिकारों में वृद्धि हुई थी।
ऐसे जुटाए जाते हैं आंकड़े
वॉक फ्री फाउंडेशन मॉडर्न स्लेवर्स का कार्यस्थल पर उत्पीड़न, कर्ज के बॉन्ड, जबरन विवाह और यौन तस्करी के शिकारों के आधार पर मूल्यांकन है। फाउंडेशन का कहना है कि ऐसे लोगों की बिल्कुल सही संख्या जुटाना असंभव है। इसलिए एनजीओ ने 48 देशों में चुनावों के आंकड़ों, सशस्त्र संघर्षों, श्रम कानूनों और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जुड़े अलग-अलग कारकों का मूल्यांकन कर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में प्रवासियों, महिलाओं और वंचित समूहों की स्थिति के साथ-साथ सामान्य असमानता के स्तर पर बात की गई है।
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आबादी के औसत से उत्तर कोरिया सबसे आगे
वॉक फ्री फाउंडेशन के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर कोरिया की लगभग 26.40 लाख (10.5 प्रतिशत) आबादी आधुनिक गुलामी में जी रही है। यह दुनिया भर में अनुमानित आधुनिक गुलामों की कुल संख्या का लगभग 7 प्रतिशत है। दूसरे नंबर पर अफ्रीकी देश इरिट्रिया है। यहां की आबादी की तुलना में 9.3 प्रतिशत या 4.51 लाख लोग आधुनिक गुलामों जैसा जीवन जी रहे हैं। पाकिस्तान इस मामले में थोड़ा ठीक है। 31.86 लाख लोग आधुनिक गुलामी में जी रहे हैं, जो कि कुल आबादी का 1.7 प्रतिशत है। भारत टॉप 8 देशों की सूची में नहीं है।
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