इतिहास के 8 सबसे विनाशकारी भूकंप जिनसे हुई लाखों मौतें, जानें यहां......

तुर्की और ग्रीस में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इनके अलावा बुधवार को भारत समेत पाकिस्तान, कजाकिस्तान, अफगानिस्तान में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए, लेकिन इस भूकंप में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। आइए जानते हैं कि वो 8 ऐसे कौनसे भूकंप हैं जिन्होंने समय-समय पर दुनिया में भारी तबाही मचाई।

अंकारा. तुर्की और ग्रीस में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.0 आंकी गई। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, पश्चिमी इजमिर प्रांत के तट से लगभग 17 किमी (11 मील) दूर 7.0 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए।

बता दें कि भूकंप से तुर्की के इजमिर शहर को काफी नुकसान पहुंचा है। यह तुर्की का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। भूकंप के झटके इतने तीव्र थे कि यहां कई इमारतें तबाह हो गईं। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई जबकि 200 से ज्यादा जख्मी बताए जा रहे हैं।

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कईं देशों में महसूस किए गए झटके
तुर्की और ग्रीस के अलावा उत्तर भारत समेत पाकिस्तान, कजाकिस्तान, अफगानिस्तान में बुधवार को भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए, लेकिन इस भूकंप में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। हालांकि इससे पहले दुनिया में ऐसे कईं भूकंप आ चुके हैं, जिन्होंने बहुत ज्यादा तबाही मचाई है। आइए जानते हैं कि वो 8 ऐसे कौनसे भूकंप हैं जिन्होंने समय-समय पर दुनिया में भारी तबाही मचाई।

1. 22 मई 1960 को वाल्डिविया, चिली में भूकंप की तीव्रता 9.5 नापी गई थी। सुनामी लहरों ने चिली समेत हवाई, जापान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया तक में तबाही मचाई थी। इस भूकंप का सबसे ज्यादा असर चिली के वाल्डिविया शहर में हुआ था।

2. 27 मार्च 1964 को अलास्का, अमेरिका में भूकंप की तीव्रता 9.3 मापी गई थी। अलास्का में उसी दिन 4 मिनट 38 सेकंड तक धरती हिलती रही। आपको बता दें कि इस भूकंप ने अलास्का का नक्शा ही बदल दिया था।

3. 26 दिसंबर 2004 को दक्षिण भारत में भूकंप की तीव्रता 9.2 मापी गई थी। इस दिन समंदर ने भारत के कई शहरों को मौत के सागर में बदल दिया था। समंदर की सुनामी लहरों ने मौत तांडव मचाया कि इसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी।

4. 26 जनवरी 2001 को गुजरात के भुज में भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई थी। इस भूकंप से मानो पूरा शहर ही मलबे के ढेर में तब्दील हो गया था। इस भूकंप की वजह से कच्छ और भुज में 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई और करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोग जख्मी हुए तो वहीं करीब 4 लाख से ज्यादा मकान इस भूकंप में तबाह हो गए। 

5. 12 जनवरी 2010 को हैती में भूकंप की तीव्रता 7 मापी गई। इस हादसे में सबसे ज्यादा तबाही हैती की राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस में मची थी। इस भयानक भूकंप के बाद 52 ऑफ्टर शॉक्स महसूस किए गए। इस भूकंप ने करीब एक लाख से ज्यादा लोगों की जान ली थी। 

6. 27 फरवरी 2010 को चिली के बायो-बायो शहर में भूकंप की तीव्रता 8.8 मापी गई। इस भूकंप ने चिली की करीब 80 फीसदी आबादी को प्रभावित किया था। इस भूकंप का दायरा इतना बड़ा था कि चिली के आसपास के सभी देशों में इसके झटकों को महसूस किया गया।

7. 8 अक्टूबर 2005 को पाकिस्तान के क्वेटा में भूकंप की तीव्रता 7.6 मापी गई। इस भूकंप के एक ही झटके में करीब 75 हजार से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा गए। हादसे में करीब 80 हजार लोग घायल हुए तो वहीं करीब 2 लाख 80 हजार लोग बेघर हुए।

8. 11 अप्रैल 2012 को सुमात्रा, इंडोनेशिया में भूकंप की तीव्रता 8.6 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमीन से काफी नीचे होने की वजह से तबाही वैसी नहीं हुई जिसकी आशंका जताई जा रही थी। हालांकि इसका प्रभाव काफी ज्यादा रहा।
 

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