मोदी सरकार के 9 साल: हथियारों का बड़ा निर्यातक बना भारत, वैश्विक मुद्दों पर सुनी जा रही आवाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 9 साल में भारत ग्लोबल पावर के रूप में उभरा है। भारत वैश्विक मंचों पर बड़ी भूमिका निभा रहा है। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ी है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 9 साल (9 Years of PM Modi Government) हो गए हैं। इन 9 सालों में भारत ने विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में बड़ी प्रगति की है। भारत जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस दौरान पूरी दुनिया से लोग भारत आ रहे हैं। वैश्विक मंचों पर भारत बड़ी भूमिका निभा रहा है। वैश्विक मुद्दों पर भारत की आवाज को गंभीरता से सुना जा रहा है।
मोदी सरकार ने 'राष्ट्र प्रथम' की विदेश नीति अपनाई है। भारत की विदेश नीति का प्राथमिक ध्यान, ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत, अपने नजदीकी पड़ोसी देशों पर है। भारत ने पिछले 9 वषों के दौरान विभिन्न राहत और निकासी अभियान चलाए हैं। इनमें ऑपरेशन दोस्त (2023), ऑपरेशन गंगा (2022), ऑपरेशन देवी शक्ति (2021) और मिशन सागर (2021) प्रमुख हैं।
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आंकड़ों में जानें पीएम मोदी के 9 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां
रक्षा निर्यात में पिछले पांच सालों में 334 फीसदी वृद्धि हुई। 2014 में रक्षा निर्यात 1941 करोड़ रुपए था। 2022-23 में यह बढ़कर 16,000 करोड़ रुपए हो गया।
रक्षा स्वदेशीकरण सूची में 4100 से अधिक आइटम जोड़े गए। ऑटोमैटिक रूट से रक्षा क्षेत्र में 74% FDI की अनुमित मिली।
आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस अपनाया गया। 2014 के बाद से संघर्ष वाले इलाके के बाहर के शहरों में कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ। 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में एयर स्ट्राइक से सीमा पार आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया गया।
वंदे भारत मिशन में एयर बबल फ्लाइट्स द्वारा 2.97 करोड़ से अधिक लोगों को लाया गया। 23,000 भारतीयों की यूक्रेन से सुरक्षित वतन वापसी हुई।
वैक्सीन मैत्री के माध्यम से 100 से अधिक देशों के लिए 26 करोड़ से अधिक COVID-19 वैक्सीन दिए गए।
हाल ही में भारत द्वारा जी20 बैठकों के आयोजन की संख्या 100 को पार कर गई। अप्रैल 2023 तक 110 से अधिक देशों के 12,300 से अधिक प्रतिनिधियों ने जी20 से संबंधित बैठकों में भाग लिया है।
वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 2010 के मुकाबले 2022 में 77% की कमी। वामपंथी उग्रवाद के कारण 2010 के मुकाबले 2022 में हताहतों (सिविलियन + सिक्योरिटी फोर्सेस) की संख्या में 90% की कमी।
जुलाई 2014 में सीरिया में ISIS द्वारा बंधक बनाई गईं 46 भारतीय नर्सों को बचाया गया। इराक और सीरिया में संकट के दौरान 7 हजार भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया।
सीबिया में 2014 में संकट के दौरान 3710 से अधिक भारतीयों को निकाला गया।
2015 में यमन संकट के दौरान ऑपरेशन राहत चलाकर 4748 भारतीयों को निकाला गया।
2015 में नेपाल में आए भूकंप के दौरान ऑपरेशन मैत्री चलाया गया। 5188 भारतीयों को बचाया गया।
2021 में जब अफगानिस्तान तालिबान के हाथों में चला गया तो 550 से अधिक लोगों को वहां से निकाला गया।
इसी साल सीरिया और तुर्किए में भूकंप आया तो ऑपरेशन दोस्त चलाकर मदद दी गई। 5945 टन आपात राहत सामग्री भेजी गई।
इस साल सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच लड़ाई शुरू हुई तो ऑपरेशन कावेरी चलाया गया और 3000 भारतीयों को वापस लाया गया।