महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की अवैध वसूली आरोप लगाने के बाद राजनीतिक भूचाल लाने वाले विवादास्पद IPS परमबीर सिंह के खिलाफ एक बिल्डर ने रंगदारी की FIR दर्ज कराई है।
मुंबई.1988 बैच के आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह एक नये मामले में फंस गए हैं। मरीन ड्राइव पुलिस ने उनके खिलाफ रंगदारी का केस दर्ज किया है। एक बिल्डर ने यह शिकायत दर्ज कराई है। बिल्डर का आरोप है कि परमबीर सिंह ने कुछ केस और शिकायतों के निपटारे के बदले उससे 15 करोड़ रुपए मांगे। इसमें 5 पुलिसकर्मी और 2 अन्य लोग शामिल हैं। जिन पुलिसवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है, उनमें एक मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट में डीसीपी है। दूसरा एक अलग यूनिट में इंस्पेक्टर है। इस मामले में दो नागरिकों को पकड़ा जा चुका है।
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की अवैध वसूली का आरोप लगाकर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र की राजनीतिक में भूचाल ला दिया था। महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को 17 मार्च को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाकर होमगार्ड विभाग में ट्रांसफर कर दिया था। इस ट्रांसफर के बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये वसूली का टारगेट देने का खुलासा किया था।
किराये को लेकर भी विवादों में
परमबीर सिंह किराया नहीं चुकाने के मामले में भी उलझते जा रहे हैं। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ ठाणे में पुलिस प्रमुख रहते हुए मालाबारी हिल्स इलाके में आधिकारिक अपार्टमेंट में रहने का किराया नहीं चुकाने के खिलाफ शिकायत मिली है। उन पर 54 लाख रुपए बकाया थे, जिसमें से उन्होंने सिर्फ 29.43 लाख रुपए ही चुकाए। परमबीर सिंह को 18 मार्च, 2015 को ठाणे का पुलिस आयुक्त बनाया गया था। इससे पहले वे मुंबई में स्पेशल रिजर्व पुलिस फोर्स के एडिशनल डीजीपी थे। इसी समय उन्हें मालाबार हिल्स के बीजी खेर मार्ग के नीलिमा अपार्टमेंट में सरकारी अपार्टमेंट मुहैया कराया गया था। जब उनकी पोस्टिंग ठाणे में हुई, तो उन्होंने नीलिमा अपार्टमेंट खाली नहीं किया था।
ऐसे विवादों में आए थे परमबीर सिंह
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एंटीलिया और मनसुख केस में आरोपी तत्कालीन पुलिस अफसर सचिन वझे को संरक्षण दिया था। इतना ही नहीं सिंह का आरोप था कि देशमुख ने वझे को मुंबई से 100 करोड़ रुपए हर महीने वसूली करने के लिए भी कहा था।
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