पेगासस जासूसी मामले पर IT राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने साफ कहा कि ये सिर्फ एक फर्जी, छल और अफवाह है। आइए चर्चा करते हैं, आखिर कौन इन खबरों के पीछे है?
दिल्ली: पेगासस सॉफ्टवेयर (pegasus) के जरिए कथित तौर पर भारत में विपक्षी नेताओं और पत्रकारों की जासूसी का मामले पर IT राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (IT Minister Rajeev Chandrasekhar) ने अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे एक फर्जी खबर बताया। हाल ही में अमेरिकी पत्रकार किम जेट्टर के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए राज्यमंत्री ने लिखा कि- पेगासस सिर्फ एक फर्जी, छल और अफवाह है। यह लिस्ट फर्जी नंबरों के आसपास तैयार की गई है। यह बिना सबूत के सरकार में तांक-झांक करने के लिए बनाई गई है। आइए चर्चा करें कि इस प्रकार की फर्जी खबरों के पीछे कौन है? इसके साथ ही उन्होंने 2013 में प्रिज्म एक्सपोजर के दौरान कांग्रेस के रिकॉर्ड देखने पर भी जोर दिया।
क्या है पूरा मामला
इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित तौर पर देश-दुनिया के कई लोगों की जासूसी कराए जाने का मामला कुछ दिनों से चर्चा में है। अब ये केस भारत की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। दरअसल, एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई है। साथ ही भारत में पेगासस की खरीद पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।
बता दें कि पेगासस के जरिए भारत के 2 मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के 3 नेताओं सहित कई बिजनेसमैन और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से ज्यादा मोबाइल नंबर हैक किए जाने की खबर है। जिसे लेकर अब IT राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपनी बात रखी।
राजीव चंद्रशेखर ने अमेरिकी पत्रकार किम जेट्टर के ट्वीट को रिट्वीट किया। जिसमें पत्रकार ने लिखा है कि, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कभी भी इस सूची को एनएसओ पेगासस स्पाइवेयर सूची के रूप में प्रस्तुत नहीं किया है, हालांकि दुनिया के कुछ मीडिया ने ऐसा किया हो सकता है। लिस्ट कंपनी के ग्राहकों के हितों की सूचक है। इस पोस्ट को शेयर करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आइए चर्चा करते हैं, आखिर कौन इन खबरों के पीछे है? बता दें कि इसी महीने पीएम मोदी ने राजीव चंद्रशेखर को अपनी कैबिनेट में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री के तौर पर जगह दी है। कर्नाटक से भाजपा के राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर ने शहरी शासन, भूतपूर्व सैनिकों एवं सशस्त्र बलों जैसे मुद्दों पर खूब काम किया है और उन्होंने 2006 से भारतीय राजनीति में अहम भूमिका निभाई है।
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