मध्यप्रदेश के दमोह में एक पिता ने मिसाल पेश की है। बेटे की एक्सीडेंट में मौत हो जाने के बाद इस शख्स ने शोकसभा में युवाओं को हेलमेट बांटे हैं। इससे ना केवल सड़क सुरक्षा का संदेश जाए, बल्कि किसी और के साथ ऐसा हादसा ना हो।
दमोह. मध्यप्रदेश के दमोह में एक पिता ने मिसाल पेश की है। बेटे की एक्सीडेंट में मौत हो जाने के बाद इस शख्स ने शोकसभा में युवाओं को हेलमेट बांटे हैं। इससे ना केवल सड़क सुरक्षा का संदेश जाए, बल्कि किसी और के साथ ऐसा हादसा ना हो। 20 नवंबर को महेंद्र दीक्षित के बेटे लकी दीक्षित (25) का निधन हो गया था।
पिता ने मिसाल पेश करते हुए शोकसभा में 18 साल से अधिक की उम्र के युवाओं को मंगलवार को हेलमेट बांटे। लकी एक्सीडेंट में बुरी तरह से घायल हो गया। उसने हेलमेट नहीं पहना था। अस्पताल में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
'नहीं चाहता कोई और खोए अपना बेटा'
महेंद्र दीक्षित ने कहा, मैं नहीं चाहता कि जो दर्द मुझे पहुंचा है, वह किसी और परिजन को पहुंचे। मेरा बेटा इसलिए मर गया क्यों कि उसने हेलमेट नहीं पहना था। उसे गहरी चोटें पहुंचीं थीं। मैंने लोगों को संदेश देने के लिए 18 साल से ज्यादा उम्र के युवाओं को हेलमेट बांटे हैं। साथ ही मैंने सभी से ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए भी संदेश दिया है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपने बच्चों को बिना हेलमेट बाइक ना चलाने दें।