Deep Dive with Anubhav Khare: उद्योगपतियों का पक्षपाती रवैया राजनीतिक

हास्यस्पद बात तब हुई थी जब शाह ने कहा कि, जब बजाज एक खुले मंच पर उनके सामने बेबाकी से अपने विचारों रख सकते हैं तो इसे पता चलता है कि भय का कोई माहौल नहीं है फिर बजाज ने अपनी सीट से इस पर ताली बजाई!

Asianet News Hindi | Published : Dec 3, 2019 1:51 PM IST / Updated: Dec 03 2019, 07:22 PM IST

भोपाल. बजाज ग्रुप के चेयरमैन राहुल बजाज ने हाल में इकॉनोमिक टाइम्स के एक सम्मेलन में गृहमंत्री अमित शाह के सामने केंद्र सरकार की आलोचना की। बजाज ने वर्तमान सरकार को आलोचनाएं के प्रति असहिष्णु बताया था। उन्होंने कहा कि आज देश में सरकार के खिलाफ बोलने से लोग डरते हैं, इस बारे में कोई उद्योगपति नहीं बोलेगा। यह अपने आप में एक विडंबना है कि बायोकॉन सुप्रीम किरण मजूमदार शॉ ने भी बजाज की बात पर अपना समर्थन दिया है। हर दिन, लाइव टेलीविजन शो में, बुद्धिजीवी, आम लोगों का एक धड़ा, न्यूज एंकर और कुछ विशेषज्ञ मौजूदा सरकार की आलोचना करते रहते हैं। 

Deep Dive with Abhinav Khare

बजाज खुद कहते हैं कि वह गांधी और नेहरू के बेहद क़रीब रहे हैं और उन्होंने गृह मंत्री श्री अमित शाह और एनडीए सरकार को भय और आतंक का माहौल बनाने के लिए दोषी ठहराया है जहां लोग अपनी बात रखने से डरते हैं। ये कुछ और नहीं बल्कि कांग्रेस के समर्थन में अपनी आवाज रखने जैसा है। बदले में श्री अमित शाह ने सही जवाब दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछली सरकारों की तरह आलोचना के लिए किसी को सजा नहीं दी गई है।

गृहमंत्री के जवाब पर बजी तालियां

हालांकि देखा जाए तो अधिकतर अखबारों में हमारे प्रधानमंत्री के लिए आलोचनात्मक रहे हैं। इस सम्मेलन में हास्यस्पद बात तब हुई थी जब शाह ने कहा कि, जब बजाज एक खुले मंच पर उनके सामने बेबाकी से अपने विचारों रख सकते हैं तो इसे पता चलता है कि भय का कोई माहौल नहीं है फिर बजाज ने अपनी सीट से इस पर ताली बजाई!

आलोचना के लिए सरकार ने नहीं दी किसी को सजा

पिछली सभी सरकारों में, सत्ता में आसीन लोगों के साथ असहमित होने से व्यापारियों को नुकसान झेलने पड़े थे। बिजनेस में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। भारतीय राजनीति में कांग्रेस परिवार को सही मायने में 'भय का माहौल' बनाने के लिए जिम्मेदार कहा जा सकता है। वे तो अपने करीबियों की आलोचना तक सहन नहीं कर पाते हैं।

Abhinav Khare

क्या आपातकाल के समय था नहीं था देश में डर का माहौल?

मिस्टर बजाज व्यक्तिगत तौर पर भी आपातकाल के दौरान कांग्रेस परिवार के इस व्यवहार के जानकार हैं। आजकल भय का माहौल जैसे शब्दों का उपयोग बहुत जल्दी किया जाने लगा है लेकिन हमें उस दौर को भी याद रखना है जब डर का माहौल सच में देश में बना हुआ था। 

कौन हैं अभिनव खरे

अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं।

अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) भी किया है।

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