दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सर, हम मानते हैं कि वहां नफ़रत का बाज़ार है लेकिन आपको वहां प्यार भी देना चाहिए।
नई दिल्ली: पटना में हाल में हुई विपक्षी दलों की मीटिंग में आप और कांग्रेस के बीच तीखे संवाद के बाद आम आदमी पार्टी ने राहुल गांधी से बड़ा दिल दिखाने की अपील की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के 'मोहब्बत की दूकान' का जिक्र करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्हें वह संवाद पसंद है जो राहुल गांधी अक्सर दोहराते हैं कि 'मैं नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दूकान खोल कर बैठा हूं'।
उन्होंने कहा कि सर, हम मानते हैं कि वहां नफ़रत का बाज़ार है लेकिन आपको वहां प्यार भी देना चाहिए। अगर विपक्षी दल आपके पास प्यार मांगने आए हैं और आप कहते हैं कि आपके पास यह नहीं है तो यह आपकी मोहब्बत की दुकान पर सवाल खड़ा करता है। भारद्वाज ने कहा कि अहंकारी होना ठीक है लेकिन एक सीमा है जिसके परे लोगों और अन्य दलों को यह महसूस होने लगेगा कि सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार अहंकार से भरी है।
एक दूसरे की खिलाफत करने की बजाय अब सबको साथ आना होगा
सौरभ भारद्वाज ने विपक्षी दलों से एक-दूसरे के खिलाफ पिछली टिप्पणियों से आगे बढ़ने की भी अपील की। कहा कि वे राज्यों में प्रतिद्वंद्वी रहे हैं लेकिन अब उन्हें एक साथ आने की जरूरत है। कई पार्टियां अलग-अलग राज्यों में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामपंथी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं। केरल में वामपंथी और कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी हैं। इन सभी विरोधाभासों के बावजूद, हमें अब एक साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि एक दूसरे के खिलाफ पूर्व में जो भी बातें कहीं गई उसे पीछे छोड़ना होगा। अब आगे बढ़कर एक साथ आने का समय है।
एक दूसरे के लिए सीटों को छोड़ना भी मुश्किल काम लेकिन बड़ा दिल दिखाना होगा
आप नेता ने कहा कि यह बेहद मुश्किल भरा काम होगा कि दूसरों के लिए सीटें छोड़ना। यहां तक की अपने प्रतिद्वंद्वी के लिए भी। लेकिन सबको बड़ा दिल दिखाना होगा।
पटना में राहुल गांधी ने भी कहा हम अतीत भूलकर साथ चलने को तैयार
पटना की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन को लेकर खुले दिमाग से विचार कर रही है और अतीत को भूलने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हम यहां खुले दिमाग के साथ हैं... बिना किसी पिछली पसंद-नापसंद के। हम सभी लचीले होंगे। हमें इस लड़ाई में एक साथ रहना होगा, चाहे कुछ भी करना पड़े। उधर, विपक्ष की बड़ी बैठक में आप इस पूर्व शर्त के साथ शामिल हुई थी कि कांग्रेस केंद्र के विवादास्पद अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में उसका समर्थन करेगी, जिसका उद्देश्य दिल्ली सरकार की अपनी नौकरशाही पर पकड़ को कम करना है। लेकिन कांग्रेस ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि पटना बैठक उस मुद्दे के लिए उपयुक्त मंच नहीं है और वे संसद सत्र से पहले विपक्षी बैठकों में इस पर चर्चा करेंगे।
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