आम आदमी पार्टी(AAP) को कथित तौर पर सरकारी विज्ञापनों की आड़ में पार्टी की इमेज चमकाने पब्लिश कराए राजनीतिक विज्ञापनों के लिए 163.62 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया गया है।
नई दिल्ली( New Delhi). आम आदमी पार्टी(AAP) को कथित तौर पर सरकारी विज्ञापनों की आड़ में पार्टी की इमेज चमकाने पब्लिश कराए गए राजनीतिक विज्ञापनों के लिए 163.62 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया गया है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना( Delhi Lieutenant Governor V K Saxena) द्वारा चीफ सेक्रेट्री को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए AAP से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश देने के लगभग एक महीने बाद यह डेवलपमेंट हुआ है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
1. सूत्रों ने कहा कि सूचना और प्रचार निदेशालय (Directorate of Information and Publicity -DIP) द्वारा जारी वसूली नोटिस में राशि पर ब्याज भी शामिल है। दिल्ली में सत्ताधारी AAP को 10 दिनों के भीतर पूरी राशि का भुगतान करना अनिवार्य है। हालांकि अभी दिल्ली सरकार या AAP की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
2. एक सूत्र ने कहा, "अगर AAP संयोजक(AAP convener) यानी अरविंद केजरीवाल समय पर पैसा जमा करने में नाकाम रहते हैं, तो दिल्ली LG के पहले के आदेश के अनुसार, पार्टी की संपत्तियों की कुर्की सहित सभी कानूनी कार्रवाई समयबद्ध तरीके से की जाएगी।"
3. सूत्रों ने बताया कि पिछले महीने जारी एलजी के आदेश के बाद डीआईपी ने AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सरकारी खजाने से सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित AAP के राजनीतिक विज्ञापनों के लिए 163.62 करोड़ रुपये की वसूली के लिए नोटिस दिया है।
4. सूत्रों के अनुसार, 99,31,10,053 रुपये (99.31 करोड़ रुपये) 31 मार्च, 2017 तक राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च किए गए। शेष रकम इस राशि पर दंडात्मक ब्याज(penal interest) के कारण 64,30,78,212 (64.31 करोड़ रुपये) है। यानी कुल रकम 163.62 करोड़ रुपए होती है।
5.सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार के ऑडिट निदेशालय ने 31 मार्च, 2017 के बाद ऐसे सभी राजनीतिक विज्ञापनों का ऑडिट करने के लिए एक विशेष ऑडिट टीम भी नियुक्त की है।
6.2016 में, दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP सरकार द्वारा राजनीतिक विज्ञापनों के संबंध में शिकायतों के मामले में निर्णय लेने के लिए सरकारी विज्ञापन में सामग्री विनियमन (CCRGA) पर समिति को निर्देश दिया था।
7. सितंबर 2016 में तीन सदस्यीय CCRGA ने निर्देश दिया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तैयार किए गए दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य राजनेता या सत्ताधारी पार्टी द्वारा अपने राजनीतिक दल की इमेज चमकाने के लिए सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकना था।
8. चूंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी इस पर लगाम नहीं लग पाई, इसलिए इसे ठीक करने का एकमात्र तरीका इन दिशा-निर्देशों के उल्लंघन करने पर राजनीतिक दलों से वसूली है। समिति ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह पूरे खर्च की भरपाई AAP से सरकारी खजाने को कराए। AAP सरकार द्वारा 22 सितंबर, 2016 को CCRGA के समक्ष दायर एक समीक्षा याचिका(रिव्यू पिटीशन) को खारिज कर दिया गया था।
9. रिकॉर्ड्स की जांच से पता चला था कि 31 मार्च 2017 तक अनुमानित रूप से लगभग 97.15 करोड़ रुपये की राशि विज्ञापनों पर खर्च की गई थी। इसे सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के उल्लंघन की कैटेगरी में क्लासिफाइड किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि आगे के आकलन के बाद राशि को 106.42 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
10.रिकॉर्ड के मुताबिक 106.42 करोड़ रुपये में से 99.31 करोड़ रुपये का भुगतान संबंधित एजेंसियों को डीआईपी द्वारा किया जा चुका है और 7.11 करोड़ रुपये (लगभग) बकाया है।
11.डीआईपी के नोटिस में लिखा है आपसे(यानी AAP) अनुरोध है कि राज्य के खजाने में 99,31,10,053 रुपये की प्रतिपूर्ति तुरंत की जाए। और शेष विज्ञापनों के लिए 7.11 करोड़ रुपये (लगभग) जिनका भुगतान सरकार द्वारा अब तक जारी नहीं किया गया है, इस नोटिस के जारी होने की तारीख से 10 दिनों के भीतर संबंधित एजेंसियों को सीधे भुगतान किया जाना चाहिए।
12.20 दिसंबर को जब एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव को राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था, तो AAP ने कहा था कि उनके पास इस तरह के आदेश पारित करने की कोई शक्ति नहीं है।
13.AAP के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एलजी के निर्देश को 'नया प्रेम पत्र-new love letter' करार दिया था।
14. सौरभ भारद्वाज ने कहा था, 'बीजेपी बौखला गई है कि हम एक राष्ट्रीय पार्टी बन गए हैं और MCD में उससे सत्ता छीन ली है।
15. AAP नेता ने आरोप लगाया था कि एलजी साहब सब कुछ बीजेपी के इशारे पर कर रहे हैं और इससे दिल्ली के लोगों को परेशानी हो रही है।भारद्वाज ने यह भी कहा था कि दिल्ली के लोग जितने चिंतित हैं, भाजपा उतनी ही खुश हैं। उन्होंने आगे कहा था कि एलजी का निर्देश कानून की नजर में टिक नहीं पाएगा।
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