
नई दिल्ली। अदाणी मामले में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा जेपीसी की मांग की जा रही है। वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि वे जेपीसी नहीं चाहते। सहयोगी दल के प्रमुख के इस बयान से कांग्रेस को झटका लगा है। इसके चलते कांग्रेस नेता अलका लांबा ने शरद पवार पर ट्वीट कर तीखा हमला किया है। इस ट्वीट पर भाजपा नेता कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि NCP 35 साल से कांग्रेस की सहयोगी है। इसके बाद भी भारत के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक और महाराष्ट्र के 4 बार के सीएम पर कांग्रेस नेता का यह ट्वीट भयावह है। राहुल गांधी भारत की राजनीतिक संस्कृति को विकृत कर रहे हैं। बता दें कि अलका लांबा ने ट्वीट किया था, "डरे हुए-लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुन गा रहे हैं। देश के लोगों की लड़ाई एक अकेला राहुल गांधी लड़ रहा है। पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकदार से भी।"
जेपीसी से नहीं होगी सही जांच
शरद पवार ने विपक्ष के सभी साथियों ने जेपीसी की मांग की है। यह बात सच है। हमारी पार्टी के प्रतिनिधी भी उसमें थे। मगर हमें ऐसा लगता है कि जेपीसी की जो संरचना होगी उसमें सत्ता पक्ष के लोग अधिक होंगे। अगर 15 लोग सत्ताधारी पार्टी के होंगे तो 5-6 ही विपक्ष के होंगे। जहां सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों की संख्या बहुत अधिक है वहां देश के सामने सच्चाई क्या है वह कहां तक आएगी इसपर आशंका पैदा हो सकती है। इसलिए हमारा कहना यह है कि दूसरा एक विकल्प सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। उसने खुद कमेटी का गठन किया है। शायद उसकी क्रेडिबिलिटी ज्यादा रहेगी।
कहा, "एक जमाना ऐसा था जब टाटा-बिड़ला का नाम लेकर आलोचना की जाती थी। आजकल टाटा-बिड़ला का नाम नहीं लेते हैं। देश में टाटा का भी कॉन्ट्रिब्यूशन है। उसी तरह आजकर अदाणी-अंबानी नाम लेते हैं। देश के लिए उनका कॉन्ट्रिब्यूशन क्या है इस बात पर सोचने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि हमारे सामने आज दूसरे मुद्दे ज्यादा अहम हैं। बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्या, ये तीन बड़ी समस्याएं आज देश के सभी लोगों के सामने है। इस बारे में विपक्ष को ध्यान देना होगा।