अपनी मंजिल पर पहुंचा Aditya L1, पीएम मोदी बोले- भारत ने हासिल की एक और उपलब्धि

भारत के पहले सोलर मिशन ने 6 जनवरी को सबसे बड़ी कामयाबी हासिल कर ली। आदित्य एल1 सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में दाखिल हो गया है। यह सूर्य से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा।

Manoj Kumar | Published : Jan 6, 2024 1:06 AM IST / Updated: Jan 06 2024, 04:53 PM IST

Aditya L1 Mission. साल के पहले ही दिन ब्लैक होल्स का राज जानने के लिए भारत ने सैटेलाइट लांच किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के चार दिन बाद ही भारत ने एक और इतिहास रचा है। भारत का पहला और इकलौता सोलर मिशन आदित्य एल1 अपने लक्ष्य तक पहुंच गया है। आदित्य एल1 सफलतापूर्वक अपनी अंतिम कक्षा में दाखिल हुआ। यह सूर्य से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है।

इसरो की कामयाबी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की है। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची है। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।"

 

 

इसरो चीफ ने पहले कहा था कि आदित्य एल1 6 जनवरी को अपनी सही जगह पर पहुंच जाएगा। इसरो चीफ ने कहा कि एक्सपोसेट को ब्लैक होल्स के रहस्यों की जांच करेगा और यह भारत के लिए सबसे बड़ी कामयाबी होगी। इससे पहले सिर्फ नासा ने ही यह करिश्मा किया था। इसरो चीफ ने कहा कि इस साल यानि 2024 में भारत की तरफ से 12-14 मिशन लांच किए जाएंगे। हमने 12 महीनों के लिए करीब 12 मिशन की प्लानिंग की है। इसके लिए हार्डवेयर की कंप्लीट टेस्टिंग की जा रही है। अगर कहीं कोई दिक्कत आती है, तभी हमारा मिशन पिछड़ेगा। नहीं तो यह सही समय पर लांच किए जा सकते हैं।

क्या है आदित्य एल1 मिशन 

सूर्य की निगरानी और उसके बारें में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए आदित्य एल-1 मिशन पहला इंडियन स्पेस मिशन है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस मिशन से अलग-अलग तरह के डेटा जुटाकर ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे पृथ्वी को होने वाले किसी भी तरह के नुकसान के बारें में पहले ही जानकारी मिल सकेगी। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों के साथ मौसम पर इसके प्रभाव का ज्यादा असर और लाभ मिलेगा। आदित्य एल 1 को लैग्रेंज पॉइंट 1 पर भेजा जा रहा है, जो पृथ्वी से करीब 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। इस जगह पर ग्रहण का असर नहीं पड़ता और सूर्य को लगातार देखा जाता रहेगा।

यह भी पढ़ें

Aditya L1 Launch : आप भी लाइव देख सकते हैं आदित्य एल1 की लॉन्चिंग, जानें कहां और कब?

Read more Articles on
Share this article
click me!