कर्नाटक के मंदिरों में मुस्लिमों को दुकानें लगाने की मनाही, हिजाब विवाद के बाद समितियों ने लिया फैसला

कर्नाटक में हिंदू मंदिर और मेला समितियों ने मुस्लिम दुकानदारों को किसी भी आयोजन में दुकानें लगाने की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है। ऐतिहासिक जात्रा में भी मुस्लिमों को दुकानें लगाने की अनुमति नहीं है। पूरे मामले के पीछे हिजाब विवाद को लेकर मुस्लिमों का विरोध बताया जा रहा है। राज्य के गृह मंत्री ने मामले की रिपोर्ट तलब की है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 23, 2022 9:29 AM IST

बेंगलुरू। करीब तीन महीने तक हिजाब को लेकर चर्चा में बना रहा कर्नाटक एक बार फिर हिजाब की वजह से चर्चा में है। अब यहां के हिंदू मंदिरों की समितियों ने मुस्लिम दुकानदारों को मंदिरों और मंदिर समितियों के मेलों में दुकानें लगाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। मामला राज्य में तूल पकड़ रहा है। मंदिर समितियों और हिंदू संगठनों का कहना है कि मुस्लिम दुकानदारों ने हिजाब प्रतिबंधन पर हाईकोर्ट के फैसले की खिलाफत करते हुए अपनी दुकानें बंद की थीं। इसलिए अब उन्हें हमने दुकानें लगाने की अनुमति नहीं देने का नियम बनाया है। 

कानून व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री चिंतित 
कर्नाटक के मंदिरों में मुस्लिम व्यापारियों को स्टॉल नहीं लगाने देने के मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मामले में पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। ज्ञानेंद्र ने कहा - मुझे मीडिया के जरिये पता चला कि मुस्लिम व्यापारियों को मंदिरों में स्टाल लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके बाद मैंने पुलिस अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मामले पर कड़ी नजर रखे हुए है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कार्रवाई करेगी।  

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मुस्लिमों ने कहा- अचानक हटाया जाना गलत
मंदिरों में स्टॉल लगाने पर प्रतिबंध के बाद मुस्लिम दुकानदारों का कहना है कि वह वर्षों से इस तरह के वार्षिक मेलों में मंदिरों में स्टॉल लगाते रहे हैं। लेकिन अचानक से उन्हें स्टॉल हटाने के लिए कहा गया। उधर, हिंदू संगठनों और मंदिर समितियों के लोगों का कहना है कि मुस्लिमों ने हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में अपनी दुकानें बंद कर दी थीं। हमने उनके इस विरोध पर आपत्ति उठाते हुए यह फैसला लिया है। 

कोटे मरिकंबा जात्रा में सिर्फ हिंदुओं को अनुमति
शिवमोगा में ऐतिहासिक 'कोटे मरिकंबा जात्रा' की आयोजन समिति ने भी कहा है कि 22 मार्च से शुरू पांच दिवसीय उत्सव के दौरान केवल हिंदू ही स्टॉल लगा सकते हैं। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा कि देवी मरिकंबा को मंदिर में स्थानांतरित करने के बाद बुधवार से केवल हिंदू दुकानदार ही स्टॉल खोलेंगे। जात्रा समिति ने पिछले शुक्रवार को एक बैठक की, जिसमें स्टालों को खोलने के तौर-तरीकों पर निर्णय लिया गया, जो मंदिर के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

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अप्रिय घटनाएं रोकने के लिए उठाया कदम 
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, बजरंग दल के एक स्थानीय नेता शोबिथ ने कहा कि हिजाब विवाद को देखते हुए अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। विहिप नेता दीन दयाल कहते हैं कि पहले तो सभी धर्मों के लोगों को स्टॉल लगाने की अनुमति थी। इस साल हमने केवल हिंदू दुकानदारों को अनुमति देने का फैसला किया है। जात्रा समिति के अध्यक्ष मरियप्पा के एस ने कहा कि मुस्लिमों को स्टॉल नहीं लगाने देने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। 

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हिजाब मामले को लेकर मुस्लिमाें ने लगाए पोस्टर 
कर्नाटक के उडुपी और मांड्या के बाद पूरे देश में फैले हिजाब विवाद को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय ने यहां के तमाम स्कूल- कॉलेजों के बाहर पोस्टर लगाकर हाईकोर्ट के फैसले पर विरोध जताया है। मंगलुरु के पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने बप्पनडु श्री दुर्गा परमेश्वरी मंदिर के आसपास भड़काऊ पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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