मां बनने के 1 दिन बाद नर्स ने कहा- तुम्हारा बच्चा मर चुका है, पढ़ें आखिर कैसे 3 साल बाद वो हो गया जिंदा!

असम के बारपेटा जिले की नजमा खानम नाम की एक महिला को तीन साल बाद अपना बच्चा मिला। DNA टेस्ट के बाद इस बात का फैसला हो गया कि बच्चे के असली माता-पिता कौन हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 11, 2022 5:16 AM IST / Updated: Jun 11 2022, 11:07 AM IST

बारपेटा। असम के बारपेटा जिले की एक महिला को तीन साल बाद उसका खोया हुआ बच्चा मिला। डीएनए टेस्ट से इस बात का फैसला हुआ कि बच्चे के असली माता-पिता कौन हैं। महिला ने 2019 में एक बच्चे को जन्म दिया था। अगले दिन उसे खबर मिली थी कि उसके बच्चे की मौत हो गई, जबकि उसका बच्चा जिंदा था। उसी उम्र के किसी और बच्चे की मौत हुई थी। नर्स ने गलती से मरने वाले बच्चे को उसका बता दिया था और जिंदा बच्चा दूसरी महिला को दे दिया था। 

यह पूरी गलतफहमी दोनों महिलाओं के नाम में समानता के चलते हुई। नजमा खानम नाम की महिला ने 3 मार्च 2019 को फखरुद्दीन अली अहमद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में बेटे को जन्म दिया था। बच्चा पूरी तरह स्वस्थ था, लेकिन हालत गंभीर होने पर नजमा खानम को आईसीयू में भेज दिया गया था। वहीं, बच्चा बेबी रूम में था। 

नजमा खातून को मिला था नजमा खानम का बच्चा
उस दिन इसी अस्पताल में नजमा खातून नाम की एक महिला अपने नवजात बच्चे को लेकर आई थी। दोनों बच्चों की उम्र एक दिन थी। नजमा खातून के बच्चे की स्थिति गंभीर थी और उसकी मौत हो गई थी। नर्स ने गलती से उसे नजमा खानम का बच्चा दे दिया था और नजमा खातून के मृत बच्चे को नजमा खानम का बता दिया। 

नजमा खानम और उसके पति ने अस्पताल के खिलाफ किया था केस
नजमा खानम और उसके पति को विश्वास नहीं हुआ कि कैसे उनके स्वस्थ्य बच्चे की मौत हो सकती है। उन्होंने बारपेटा सदर पुलिस स्टेशन में अस्पताल के खिलाफ केस कर दिया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि गोसाईगांव की नजमा खातून उसी दिन अपने बच्चे को लेकर अस्पताल आई थी। उसके बच्चे की स्थिति गंभीर थी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। ड्यूटी पर तैनात नर्स ने गलती से बच्चों एक बदल दिया। 

यह भी पढ़ें- World Day Against Child Labour: बच्चों की तस्करी पर लगे रोक, सरकार लाए एंटी ट्रैफिकिंग बिल 

मामला कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने बच्चे के असली माता-पिता की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया। डीएनए टेस्ट से पता चल गया कि बच्चे की असली मां नजमा खानम है। इसके बाद कोर्ट के आदेश से तीन साल बाद बच्चे को उसकी असली मां के हवाले कर दिया गया। 

यह भी पढ़ें- जुमे की नमाज के बाद हिंसा से डरे सांसद का खुलासा-'रोहिंग्याओं की घुसपैठ बढ़ रही, बंगाल को जलने से बचा लें'

Share this article
click me!