Farmers Bill: SC द्वारा गठित पैनल के सदस्य ने कहा-सिफारिशें सार्वजनिक हों,वापसी प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी

कृषि कानूनों को लेकर गठित पैनल के एक सदस्य ने सिफारिशें सार्वजनिक करने की मांग की है, ताकि किसानों की गलतफहमियां दूर हों। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने  गुरुनानक देवजी की 552वीं जयंती(Guru Nanak Jayanti 2021) पर 19 नवंबर को तीनों कृषि कानून(AgricultureBill) रद्द करने का ऐलान किया था।

नई दिल्ली. कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) द्वारा गठित पैनल के एक सदस्य अनिल घनवट ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर पैनल की सिफारिशों को सार्वजनिक करने की मांग की है, ताकि इसे लेकर किसानों की गलतफहमियां दूर हों। घनवट में अपने पत्र में कहा कि सुप्रीम कोर्ट पैनल की सिफारिशों को खुद ही सार्वजनिक कर दे या फिर उन्हें इसके लिए अधिकृत कर दे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने  गुरुनानक देवजी की 552वीं जयंती(Guru Nanak Jayanti 2021) पर 19 नवंबर को तीनों कृषि कानून(AgricultureBill) रद्द करने का ऐलान किया था।

किसान नेताओं की आलोचना
घनवट ने पत्र में लिखा कि संसद के शीतकालीन सत्र में ये तीनों कानून रद्द हो जाएंगे। इससे पहले इन्हें सार्वजनिक कर दिया जाना चाहिए, ताकि किसानों की गलतफहमियां दूर हों। उन्होंने SC से अपील करते हुए कहा कि भारत में एक मजबूत नीति बनाई जानी चाहिए। यह भी तय हो कि किसी समुदाय के गुस्से के कारण कोर्ट का कीमती समय बर्बाद न हो। घनवट ने MSP की मांग को लेकर आंदोलन पर डटे किसान नेताओं की आलोचना की। उन्होंने कहा कि फसलों के लिए MSP की गारंटी संभव नहीं है। यह भी पढ़ें

Latest Videos

कैबिनेट में लगी बिल वापसी के प्रस्ताव पर मुहर
तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस करने के लिए केंद्र सरकार की कैबिनेट में बुधवार को मुहर लग गई। अब इसे 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। बिल निरस्ती को सदन के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पारित करवाना होगा। बता दें कि एक नया कानून बनाकर ही पुराने कानून खत्म किए जा सकते हैं। सदन में नए कानून पर चर्चा होगी। इसके बाद उसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही तीनों कृषि कानून निरस्त होंगे।

अब किसानों ने रखीं ये 6 मांगें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए आंदोलन कर रहे किसानों से घर लौट जाने की अपील की है। दूसरी ओर किसानों का कहना है कि जब तक सरकार संसद में कृषि कानूनों (Agricultural Laws) को वापस नहीं ले लेती आंदोलन जारी रहेगा। वे घर नहीं जाएंगे। इसके साथ ही किसानों ने पीएम के सामने अपनी छह मांगें भी रखी हैं।

ये हैं किसानों की मांगें
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी कृषि उपज पर, सभी किसानों का कानूनी हक बनाया जाए। देश के हर किसान को अपनी पूरी फसल पर कम से कम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी मिले।
2. सरकार द्वारा प्रस्तावित "विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक, 2020/2021" का ड्राफ्ट वापस लिया जाए।
3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021 में किसानों को सजा देने का प्रावधान हटाया जाए।
4. दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को किसान आंदोलन के दौरान सैकड़ों मुकदमों में फंसाया गया है। इन केसों को तत्काल वापस लिया जाए।
5. लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और सेक्शन 120B के अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी खुले घूम रहे हैं। वह मंत्रिमंडल में मंत्री बने हुए हैं। उन्हें बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए।
6. किसान आंदोलन के दौरान अब तक लगभग 700 किसान शहादत दे चुके हैं। उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था हो। शहीद किसानों की स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंधू बॉर्डर पर जमीन दी जाए।

यह भी पढ़ें
Agriculture Bill: पीएम मोदी के सपोर्ट में twitter पर छिड़ी मुहिम, जानिए क्या हुआ है ट्रेंड
Exclusive : मोदीजी के मंत्रियों ने पहले समझाया होता तो कृषि कानून वापस करने का फैसला बहुत पहले आ जाता : टिकैत
Agriculture Bill: आंदोलन पर अड़े राकेश टिकैत सोशल मीडिया पर Troll, ऊपरवाले की CCTV में सब दिखता है
 

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
UPPSC Student Protest: प्रयागराज में क्या है छात्रों की प्रमुख मांग, चौथे भी डटे हुए हैं अभ्यर्थी
'मुझे लव लेटर दिया... वाह मेरी महबूबा' ओवैसी का भाषण सुन छूटी हंसी #Shorts
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
कागजों पर प्लान, सिर्फ ऐलान... क्यों दिल्ली-NCR को नहीं मिल रही धुआं-धुआं आसमान से मुक्ति?