
Ahmedabad Air India Plane Crash Report : अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के क्रैश को एक महीना बीत चुका है, लेकिन सवाल आज भी वही है, ऐसा क्यों हुआ? कैसे चंद सेकंड में 260 जिंदगियां खत्म हो गईं? अब एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है, जो रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्चाई बयान करती है। यह सिर्फ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं, बल्कि उन आखिरी पलों की चीखती हुई गवाही है, जब पायलट कुछ समझ पाते, उससे पहले ही सब खत्म हो गया। यहां जानिए AI171 रिपोर्ट के 10 सबसे बड़े खुलासे...
रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही फ्लाइट टेकऑफ हुई, महज 3 सेकंड के अंदर दोनों इंजन में फ्यूल सप्लाई कट हो गई। पहले एक इंजन, फिर एक सेकंड बाद दूसरा। उस समय फ्लाइट ने ना पूरी ऊंचाई पकड़ी थी, ना पूरी स्पीड, ऐसे में पायलट्स के पास कोई ऑप्शन नहीं बचा।
इसे भी पढ़ें- काश! 2018 की उस चेतावनी को एयर इंडिया ने सीरियसली लिया होता, जानें FAA ने क्या कहा था
इसे भी पढ़ें- Air India Plane Crash का सच: 15 पन्नों की रिपोर्ट के कुछ हैरान कर देने वाले FACT
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से सबसे झकझोर देने वाली लाइन सामने आई। एक पायलट ने दूसरे से पूछा- 'तुमने फ्यूल क्यों काटा?' जवाब मिला- 'मैंने नहीं किया।' इससे पता चलता है कि पायलट्स भी नहीं समझ पाए कि आखिर क्या हो रहा था।
सिस्टम ने खुद इंजन को दोबारा चालू करने की कोशिश की। इंजन 1 में थोड़ी हलचल दिखी लेकिन इंजन 2 पूरी तरह साइलेंट रहा। थ्रस्ट के बिना प्लेन खुद को संभाल नहीं सका।
जैसे ही दोनों इंजन बंद हुए, Ram Air Turbine खुद एक्टिवेट हो गया। ये इमरजेंसी पावर बैकअप सिस्टम होता है। इसका एक्टिव होना दिखाता है कि सिचुएशन बेहद क्रिटिकल था।
UTC टाइम 08:09:05 पर पायलट ने कंट्रोल रूम को इमरजेंसी कॉल भेजा। लेकिन उसके बाद कोई जवाब नहीं आया। तब तक प्लेन कंट्रोल से बाहर हो चुका था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्लेन 8 डिग्री ऊपर की तरफ झुका हुआ था और विंग्स लेवल थीं, यानी पायलट आखिरी वक्त तक फ्लाइट को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन थ्रस्ट के बिना वो असंभव था।
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि टेकऑफ से पहले थ्रस्ट ऑन थे, लेकिन क्रैश के बाद वो 'आइडल' पोजिशन में मिले। इससे पता चलता है कि फ्लाइट पावर के बिना फ्री-फॉल में थी।
प्लेन हवा से सीधे नीचे गिरा और टुकड़ों में बंट गया। इंजन, लैंडिंग गियर और फ्यूसलाज अलग-अलग जगहों पर गिरे। ये सिर्फ क्रैश नहीं, एक विस्फोट जैसा था।
यह कोई पुराना या कराब प्लेन नहीं था। यह पूरी तरह उड़ान भरने के लिए सही था। फ्यूल सिस्टम में भी कोई शिकायत नहीं थी। ना ही पायलट्स को कोई तकनीकी चेतावनी मिली थी। इस क्रैश को किसी को भी उम्मीद नहीं थी।
बोइंग (Boeing) ने पहले ही एक नॉन-मैंडेटरी एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें फ्यूल स्विच में लॉकिंग मैकेनिज्म जोड़ने की सलाह दी गई थी। एयर इंडिया ने यह बदलाव नहीं किया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या बोइंग के इस चेतावनी की अनदेगी की गई?
AAIB की रिपोर्ट किसी एक को दोषी नहीं ठहराती, लेकिन ये साफ है कि एक मिनट से भी कम समय में सबकुछ बिखर गया। असली सवाल अभी भी अनसुलझा यानी मिस्ट्री ही बना हुआ है कि आखिर इंजन का फ्यूल सप्लाई अचानक बंद कैसे हुआ? एयर इंडिया की तरफ से कहा गया है कि वह जांच में पूरा सहयोग दे रही है। बोइंग ने भी इंटरनेशनल प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई की बात कही है।