
Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 जब गुरुवार को क्रैश हुई तो उसमें 36 वर्षीय अर्जुन मनुभाई पटोलिया भी सवार थे। उनकी मौत के साथ उनकी एक भावुक कहानी भी जलकर खाक हो गई। अर्जुन अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने भारत आए थे लेकिन उनको पता नहीं था कि पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करना ही उनकी अंतिम यात्रा होगी। दरअसल, अर्जुन लंदन से अपनी पत्नी की अस्थियां लेकर वडिया (अमरेली) आए थे ताकि उन्हें नर्मदा में विसर्जित कर सकें।
लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के अर्जुन पटोलिया की पत्नी भरतीबेन की कुछ दिन पहले ही मौत हुई थी। मरने से पहले भरतीबेन ने अपने पति से विनती की थी कि उनकी अस्थियों को भारत लाकर नर्मदा नदी में विसर्जित किया जाए। अर्जुन ने पत्नी की इस अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए अपने दो मासूम बेटियों (4 और 8 वर्ष की) को लंदन में छोड़ भारत का रुख किया।
वडिया गांव में अंतिम संस्कार और धार्मिक क्रियाएं पूरी करने के बाद अर्जुन अहमदाबाद से लंदन लौटने वाले थे। उन्होंने एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 में सीट बुक की थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
अर्जुन के भतीजे कृष जगदीश पटोलिया ने बताया: उन्हें लंदन वापस लौटना था लेकिन उड़ान के कुछ मिनट बाद ही विमान क्रैश हो गया। हम एक ही सप्ताह में दोनों को खो बैठे हैं।
230 यात्रियों और 12 क्रू सदस्यों वाली Boeing 787-8 Dreamliner उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही संतुलन खो बैठी और अहमदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर आ गिरी। विमान तेज़ी से नीचे आया और आग का गोला बन गया। वीडियो में दिखा कि कैसे प्लेन ऊंचाई नहीं पकड़ पा रहा था। इस भयानक हादसे में 169 भारतीयों, 53 ब्रिटिश नागरिकों समेत कुल 265 लोगों की मौत हो गई। सिर्फ एक व्यक्ति की जान बची। अर्जुन भी इस दर्दनाक आंकड़े का हिस्सा बन गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हादसे की जगह का दौरा किया और अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती जख्मियों से मुलाकात की। अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए 70 से अधिक डॉक्टरों की टीम काम कर रही है। अभी तक पांच शवों की पहचान हो चुकी है।
विमान हादसे की एविएशन सेफ्टी बोर्ड और फोरेंसिक टीम जांच कर रही है। हालांकि, अब तक हादसे के कारण पर एयर इंडिया ने कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। कंपनी ने सिर्फ इतना कहा है कि पीड़ित परिवारों को इमरजेंसी सहायता दी जा रही है।
यह हादसा केवल भारत ही नहीं बल्कि ब्रिटेन के भारतीय डायस्पोरा के लिए भी एक बड़ी त्रासदी बन गया है। दर्जनों परिवार अपने प्रियजनों को खो चुके हैं। भरतीबेन की अंतिम इच्छा पूरी करने आए अर्जुन अब उनके साथ ही दुनिया छोड़ गए और पीछे छूट गईं उनकी दो बेटियां, जो शायद अभी समझ भी न पाई हों कि मां के बाद अब पिता भी नहीं रहे।