
अहमदाबाद, गुजरात, 14 जून, 2025: एक तारीख, जो अब सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख नहीं रह गई, बल्कि इतिहास के पन्नों में एक काले दिन के रूप में दर्ज हो गई. इस एक दिन ने सैकड़ों घरों की हंसी छीन ली. किसी ने सुबह बेटी को एयरपोर्ट छोड़ा था, किसी का पूरा परिवार एक नई जिंदगी के लिए विदेश जा रहा था और कोई अपने सपनों के साथ एक नई उड़ान भरने निकला था. लेकिन ना कोई लंदन पहुंच पाया और ना ही कोई लौट कर घर आया. अब विमान हादसे के बाद अस्पताल अब सिर्फ इलाज की जगह नहीं, मातम का घर बन चुका है. शवों के लिए परिजन रोते-बिलखते नजर आ रहे है. तस्वीरों में देख सकते है कि किस तरह अपनों को आखिरी बार देखने के लिए परिजन के चहरे पर गुस्सा और गम, दोनों नजर आ रहा है. पीड़ित परिवारों को बताया गया है कि शवों की पहचान के लिए 72 घंटे का समय लग सकता है, तब तक शव नहीं सौंपे जाएंगे.