कोरोना संकट से जूझ रहे देश के लिए एक अच्छी खबर है। अगले महीने से कोरोना वैक्सीन के उपयोग की उम्मीद जताई जा रही है। एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने जानकारी दी है कि भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन का परीक्षण अंतिम चरण में हैं। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत में जनता को कोरोना वैक्सीन दी जा सके।
नई दिल्ली. कोरोना संकट से जूझ रहे देश के लिए एक अच्छी खबर है। अगले महीने से कोरोना वैक्सीन के उपयोग की उम्मीद जताई जा रही है। एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने जानकारी दी है कि भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन का परीक्षण अंतिम चरण में हैं। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत में जनता को कोरोना वैक्सीन दी जा सके।
डॉ. गुलेरिया ने कहा, शुरुआत में टीका सभी को देने के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होगा। हमें यह देखने के लिए एक प्राथमिकता सूची की आवश्यकता है कि हम उन लोगों का टीकाकरण करें जिनके पास कोविड के कारण मरने की संभावना अधिक है। बुजुर्गों, कॉमरेडिटीज और फ्रंट लाइन वर्कर्स वाले लोगों को सबसे पहले टीका लगाया जाएगा।
कोल्ड चैन बनाने की कवायद तेज
कोरोना वैक्सीन के भारत में उपलब्धता के संबंध में जानकारी देते हुए एम्स निदेशक डॉक्टर गुलेरिया ने ट्वीट किया है कि कोल्ड चेन बनाए रखने, उपयुक्त स्टोरहाउस उपलब्ध होने, रणनीति विकसित करने, टीकाकरण और सीरिंज की उपलब्धता के संदर्भ में केंद्र और राज्य स्तर पर टीकाकरण वितरण योजना के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन के प्रबंधन के लिए बने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ने राज्य सरकारों और संबंधित स्टेकहोल्डर्स (हितधारकों) के साथ मिलकर वैक्सीन के भंडारण और वितरण के लिए एक ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है। दरअसल, एक्सपर्ट ग्रुप (विशेषज्ञ समूह) राज्यों के साथ वैक्सीन की प्राथमिकता तय करने और इसके वितरण के लिए काम कर रहा है।
वैक्सीनेशन की यह होगी प्राथमिकता सूची
किसको पहले वैक्सीन लगाया जाएगा इसके लिए विशेषज्ञों ने एक प्राथमिकता सूची तैयार की है। सूची के अनुसार ज्यादा जोखिम वाले लोगों को वरीयता दी जानी है। इसमें केयर होम में रहने वाले लोग, स्टाफ, 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग और स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेवाओं से जुड़े वर्कर्स को सबसे पहले टीका लगाया जाएगा। उन्हें वैक्सीन की पहली खेप दी जाएगी। बताया जा रहा कि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और पहले से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे कम उम्रवालों के लिए व्यापक टीकाकरण का अभियान साल 2021 तक स्टॉक उपलब्ध होते ही चलाया जाएगा।
वैक्सीन की दो खुराक दी जाएगी
वैक्सीन दो खुराक का हो सकता है। पहली ख़ुराक लेने के 21 दिन बाद दूसरी ख़ुराक बूस्टर डोज़ के तौर पर दी जाएगी। इम्यूनिटी डेवेलप होने में कुछ हफ़्ते लग जाएंगे।
भारत के लिए यह वैक्सीन मुफीद!
दुनियाभर में कोरोना की कई वैक्सीन बन रही हैं, जिनमें सबसे आगे फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की माना जा रहा है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के लिए सबसे उपयुक्त ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ही है क्योंकि इसको सामान्य तापमान पर भी स्टोर करके रख सकते हैं जबकि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को रखने के लिए माइनस 20 से माइनस 80 डिग्री तक का तापमान जरूरी है। साथ ही ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की कीमत भी अन्य वैक्सीन के मुकाबले कम होगी। इसकी एक डोज की कीमत 500 रुपए के आसपास हो सकती है।