AIMPLB ने किया सूर्य नमस्कार का विरोध, कहा- यह एक पूजा है और इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता

 ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सूर्य नमस्कार का विरोध किया है। आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 1 से 7 जनवरी तक स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाया जाए सरकार ने ऐसे निर्देश दिए थे।

Asianet News Hindi | Published : Jan 4, 2022 7:06 AM IST / Updated: Jan 04 2022, 12:50 PM IST

 नई दिल्ली.  ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ( All India Muslim Personal Law Board, AIMPLB) ने स्कूलों में सूर्य नमस्कार (surya namaskar) करने का विरोध किया है। आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 1 से 7 जनवरी तक स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाया जाए सरकार ने ऐसे निर्देश दिए थे। लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि सूर्य नमस्कार एक तरह से सूर्य की पूजा करना है और इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है। 

मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने जारी किया बयान
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने बयान जारी कर कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। यहां पर बहुसंख्यक समुदाय के रीति-रिवाज और पूजा पद्धति को सभी धर्मों के ऊपर थोपा नहीं जा सकता है। मौलाना ने सूर्य नमस्कार कार्यक्रम से मुस्लिम छात्र-छात्राओं को दूर रहने की हिदायत दी है। मौलाना ने कहा कि भारतीय संविधान में सभी धर्मों के लोगों को अपने अपने धर्म के अनुसार पूजा-प्रार्थना आदि करने की छूट दी गई है। इसलिए किसी भी धर्म विशेष की पूजा पद्धति को सभी धर्मों के लोगों पर थोपा नहीं जा सकता है। उनका कहना है कि इस्लाम व अन्य धर्मों में सूर्य को देवता मानकर उसकी पूजा करने की अनुमति नहीं है।

 

उन्होंने मुस्लिम छात्र-छात्राओं से आह्वान किया है कि वह स्कूलों में आयोजित होने वाले सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम का बहिष्कार करें और उसमें बिल्कुल भी शामिल नहीं हों। उन्हें इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होने से बचना चाहिए क्योंकि इस्लाम उन्हें इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति नहीं देता है।

किसने जारी किया था आदेश
दरअसल, केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक आदेश जारी किया था। आदेश में भारत सरकार की ओर से सभी राज्यों को एक जनवरी से सात जनवरी तक अपने स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्देश दिया गया है।  
 

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