करगिल में जिस स्क्वाड्रन ने पाक को दिया था मुंहतोड़ जवाब, उसी को सौंपी जाएगी राफेल की कमान

फ्रांस भारत को 8 अक्टूबर को राफेल विमान की पहली खेप सौंपेगा। माना जा रहा है कि राफेल विमान की कमान करगिल में पाकिस्तान को धूल चटाने वाली 'गोल्डन ऐरोज' 17 स्क्वाड्रन को सौंपी जाएगी। भारतीय वायुसेना फिर से 17 स्क्वाड्रन को गठित कर सकती है।

नई दिल्ली. फ्रांस भारत को 8 अक्टूबर को राफेल विमान की पहली खेप सौंपेगा।  माना जा रहा है कि राफेल विमान की कमान करगिल में पाकिस्तान को धूल चटाने वाली 'गोल्डन ऐरोज' 17 स्क्वाड्रन को सौंपी जाएगी। भारतीय वायुसेना फिर से  17 स्क्वाड्रन को गठित कर सकती है। वायु सेना प्रमुख बी एस धनोआ अंबाला में 17 स्क्वाड्रन को फिर से शुरू करने का ऐलान करेंगे। 

स्क्वाड्रन की स्थापना 1951 में की गई थी। 1999 करगिल युद्ध में खुद धनोआ ने इसकी कमान संभाली थी। बठिंडा से चलने वाली इस स्क्वाड्रन को 2016 में बंद कर दिया गया था। तभी से वायुसेना ने रूस से आए मिग-21 विमानों को क्रमबद्ध तरीके से हटाना शुरू किया था। 

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अंबाला में होगी राफेल की तैनाती
राफेल को लेकर भारतीय वायुसेना ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। राफेल के लिए जरूरी ढांचा तैयार हो चुका है और पायलटों को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। राफेल की तैनाती अम्बाला वायुसेना स्टेशन पर की जाएगी। इसके लिए रनवे को अधिक चौड़ा किया जा चुका है। रणनीतिक तौर पर अंबाला सेंटर काफी अहम है। यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा की दूरी 220 किलोमीटर है। वहीं, राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन प.बंगाल के हासीमारा में तैनाती की जाएगी। 

17  स्क्वाड्रन का इतिहास
1 अक्टूबर 1951 में शुरू हुई इस स्क्वाड्रन ने करगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई। करगिल में ऑपरेशन सफेद सागर के वक्त एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ विंग कमांडर थे और उन्हें स्क्वाड्रन का कमांडिंग ऑफिसर बनाया गया था। स्क्वाड्रन के पायलटों ने पाकिस्तान सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को भी नष्ट कर दिया था। करगिल में अपने साहस के परिचय के लिए घनोआ को युद्ध सेवा मेडल मिला था। उनके अलावा स्क्वाड्रन के लीडर अजय आहूजा को मरणोपरांत वीर चक्र, स्क्वाड्रन लीडर ए चौधरी को वायुसेना मेडल, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आरएस धालीवाल को वायुसेना मेडल समेत अन्य मेडल भी मिले थे।

फ्रांस से 36 राफेल का हुआ सौदा 
सितंबर 2016 में भारत ने फ्रांस सरकार और दसॉल्ट के बीच समझौता हुआ था। इसके तहत 58 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा हुआ था। सितंबर से राफेल मिलना शुरू हो जाएंगे। पहला बेड़ा लेने खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और धनोआ खुद जाएंगे।

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