बेंगलुरु में IAF अफसर का विवाद: क्या एयरफोर्स के नियम तोड़ने पर शिलादित्य बोस की चली जाएगी नौकरी?

Published : Apr 22, 2025, 06:50 PM ISTUpdated : Apr 22, 2025, 07:10 PM IST
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सार

बेंगलुरु में ओवरटेकिंग को लेकर IAF विंग कमांडर और बाइक सवार के बीच हाथापाई। कन्नड़ भाषा विवाद और झूठी शिकायत का आरोप। क्या होगी आगे की कार्रवाई?

बेंगलुरु: ओवरटेकिंग को लेकर हुए विवाद में एक इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर और बाइक सवार के बीच जमकर मारपीट हुई। ये घटना बैयप्पनहल्ली पुलिस थाना क्षेत्र में सोमवार को हुई। इस घटना के लिए भारतीय वायुसेना ने माफ़ी मांगी है। बेंगलुरु में हुई इस घटना पर IAF ने बयान जारी कर कहा, "बेंगलुरु में IAF के एक अधिकारी के शामिल होने वाली घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। IAF स्थानीय अधिकारियों को मामले की जांच और कानूनी समाधान में मदद कर रही है।"

विंग कमांडर शिलादित्य बोस ने एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी विकास कुमार पर हमला किया और खुद ही वीडियो बनाकर कन्नड़ लोगों द्वारा हमला करने का आरोप लगाया। उन्होंने खुद को बेकसूर दिखाने की कोशिश की और कन्नड़ भाषा का भी मुद्दा बनाया। लेकिन घटनास्थल के सीसीटीवी कैमरे कुछ और ही कहानी बयां कर रहे थे। इसके बाद विंग कमांडर की गलती सामने आई और कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ता विकास के साथ खड़े हो गए। इस घटना की मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी निंदा की। उन्होंने विकास कुमार पर हमले के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर को उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए।

विंग कमांडर की शिकायत पर विकास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और इसी तरह विकास की शिकायत पर शिलादित्य बोस और उनकी पत्नी मधुमिता दत्तू के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया। विकास को स्टेशन बेल पर रिहा कर दिया गया और अगली सुनवाई के लिए 24 अप्रैल को हाजिर होने को कहा गया। इसके बाद विकास ने एक वीडियो जारी कर अपने समर्थन में खड़े हुए मीडिया और कन्नड़ संगठनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि बैयप्पनहल्ली थाने के पुलिस ने उनका बहुत ध्यान रखा। वे विंग कमांडर के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और न्याय मिलने तक लड़ते रहेंगे।

क्या एयरफोर्स के नियम तोड़ने पर शिलादित्य बोस खो देंगे नौकरी?
शिलादित्य बोस मामले में एयरफोर्स के अधिकारियों ने पुलिस से जानकारी ली है। पुलिस ने शिलादित्य बोस के व्यवहार और हमले के बारे में पूरी जानकारी एयरफोर्स के अधिकारियों को दी है। शिलादित्य बोस ने एयरफोर्स के नियमों का उल्लंघन किया है। नियमों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर कोई भी जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए और अपनी पहचान जाहिर करने वाले कोई भी मैसेज सोशल मीडिया पर नहीं डालने चाहिए। साथ ही, लोगों के साथ बुरा बर्ताव करके एयरफोर्स की प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। इसके अलावा, झूठी शिकायत दर्ज कराना भी प्रथम दृष्टया साबित हुआ है। भाषा के मुद्दे पर समूहों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की गई है। सैन्य नियमों के उल्लंघन के चलते उनकी नौकरी जाने की संभावना है। आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस से जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

शिलादित्य बोस अपने परिवार के साथ सीवी रमन नगर में रहते हैं और भारतीय वायुसेना में कमांडर हैं। उनकी पत्नी मधुमिता रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में काम करती हैं। पुराने मद्रास रोड पर ग्रैंड गोपालन मॉल के पास विंग कमांडर शिलादित्य और विकास के बीच कार को बाइक से टच करने को लेकर विवाद शुरू हुआ। गुस्से में आकर शिलादित्य ने विकास पर हमला कर दिया और दोनों के बीच हाथापाई हुई। शिलादित्य ने बाइक सवार को पैर से मारा। इस दौरान उनकी पत्नी मधुमिता ने भी उनका साथ दिया।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने क्या कहा?
बेंगलुरु के सीवी रमन नगर में गाड़ी टच होने के मामले में कन्नड़ व्यक्ति विकास कुमार पर हमला करने वाले विंग कमांडर शिलादित्य बोस ने बाद में सोशल मीडिया पर कर्नाटक और कन्नड़ लोगों के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर कन्नड़ लोगों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की। कन्नड़ लोग अपनी मातृभाषा से प्यार करते हैं, नफरत नहीं। भाषा के मुद्दे पर दूसरों पर हमला करना या अपमानित करना कन्नड़ लोगों की संस्कृति नहीं है। देश के कोने-कोने से आकर यहां बसने वाले हर व्यक्ति का सम्मान करना और उन्हें कन्नड़ लोगों की तरह प्यार करना कन्नड़ संस्कृति है। इतिहास इसका गवाह है। राष्ट्रीय मीडिया ने अपनी जिम्मेदारी और पेशेवर धर्म को भूलकर किसी एक व्यक्ति के निराधार आरोपों के आधार पर पूरे कर्नाटक की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे हर कन्नड़ व्यक्ति को ठेस पहुंची है। कन्नड़ लोगों को उत्तेजित होकर कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। कर्नाटक में कन्नड़ लोगों द्वारा चुनी गई कन्नड़ सरकार है। कल की घटना के मामले में दोषी कोई भी हो, किसी भी पद पर हो, उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने के लिए मैंने पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है। राज्य सरकार इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है और पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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